2015 के बेअदबी प्रकरण और कोटकपूरा गोलीकांड ने पंजाब में अकालियों की हार की पृष्ठभूमि तैयार कर दी थी !
लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोपियों को सजा दिलाने के अपने वादे से उस पर जीत की बुलंद इमारत खड़ी कर दी इसके अलावा नशे की समस्या से जूझ रहे पंजाबियों को कैप्टन ने नशा मुक्त पंजाब बनाने का सपना दिखाया।
कांग्रेस जिस समस्या से जूझ रही है, उसकी शुरुआत 2017 चुनाव में पार्टी की जीत के साथ ही हुई थी। दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू 2017 चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे।
जब कैप्टन सीएम बने तो उन्होंने साफ कर दिया कि पंजाब को डिप्टी सीएम की जरूरत नहीं है।
राजनीति के जानकार मानते हैं कि अति महत्वाकांक्षी सिद्धू के लिए ये पहला झटका था और कैप्टन सिद्धू विवाद की शुरुआत यहीं से हो गई थी।