बिहार पुलिस एक बार फिर से अपने अजीबोगरीब कारनामे को लेकर सुर्खियों में है. बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था लेकिन सलामी के लिए उठी 22 राइफलों में से एक से भी गोली नहीं निकली. इस मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी भी मौजूद थे.
CM नीतीश ने इशारे से IG से पूछा…
इस तरह से सीएम नीतीश के सामने ही बिहार पुलिस की स्थिति की पोल खुल गई. इसे देख मौके पर मौजूद आला अधिकारी अगल-बगल झांकने लगे. सीएम ने आईजी की तरफ इशारा करके पूछा ये क्या हो रहा है और जिले के एसपी ने यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यह उच्चस्तरीय मामला है, इसलिए इस पर डीजीपी ही कुछ बता पाएंगे.
कोसी रेंज के डीआइजी सुरेश चौधरी ने कहा कि इस मामले की जांच सुपौल के हेडक्वार्टर डीएसपी को दी गई है. गार्ड ऑफ ऑनर ब्लैंक कार्टेज से दी जाती है, जो फायर नहीं हुआ. यह रेगुलर कॉर्टेज नहीं होता है. जो भी हो, मामले की जांच में जो दोषी पाए जाएंगे, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
लंबे समय से बीमार थे मिश्रा
मालूम हो कि मिश्रा का सोमवार को नई दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था. वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. मिश्रा का अंतिम संस्कार बुधवार को उनके पैतृक गांव बलुआ सुपौल में किया गया.
मंगलवार को मिश्रा का पार्थिव शरीर पटना लाया गया था. विधानमंडल परिसर के साथ कांग्रेस कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. रात में पटना स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा गया और बुधवार की सुबह पैतृक गांव सुपौल के बलुआ ले जाया गया था.