फ्री राशन के लिए तिरंगा खरीदना जरूरी है या नहीं ? सरकार बोली ऐसा कोई आदेश…..

केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि राशन दुकान मालिकों को तिरंगा ना खरीदने पर लोगों को राशन न देने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है। सरकार ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर एक राशन दुकान मालिक पर कार्रवाई भी की गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि गरीबों को राशन देने के बदले तिरंगे के नाम 20 रुपये की जबरन वसूली की जा रही है। उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है।

पीआईबी ने ट्वीट कर दी सफाई
पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने ट्वीट किया, ‘भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया गया है। लगभग 80 करोड़ लोगों को हर महीने बिना किसी बाधा के राशन मिल रहा है। सरकार के आदेश का उल्लंघन करने और तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने के आरोप में एक राशन की दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।’

सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि वीडियो की पुष्टि करने के बाद केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने राज्य सरकार के माध्यम से पाया कि राशन कार्ड धारक हरियाणा के करनाल जिले के दादूपुर गांव से था। संबंधित राशन की दुकान के मालिक ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया।

राहुल गांधी ने लगाए थे गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि गरीबों को राशन देने के बदले तिरंगे के नाम 20 रुपये की जबरन वसूली की जा रही है जो राष्ट्रीय ध्वज और गरीबों के आत्मसम्मान पर भाजपा सरकार का प्रहार है। उन्होंने एक वीडियो साझा करते हुए फेसबुक पोस्ट में कहा, ”तिरंगा हमारा अभिमान है, ये हर दिल में बसता है। राष्ट्रवाद कभी बेचा नहीं जा सकता, ये बहुत ही शर्मनाक है कि राशन देने के बदले गरीबों से तिरंगे के नाम पर जबरन 20 रुपये की वसूली की जा रही है।’

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार तिरंगे के साथ-साथ हमारे देश के गरीबों के आत्मसम्मान पर भी प्रहार कर रही है। उन्होंने जो वीडियो साझा किया उसमें कुछ राशनकार्ड धारकों को यह शिकायत करते हुए देखा जा सकता है कि उन्हें 20 रुपये में तिरंगा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने भी बुधवार को यह वीडियो साझा किया और आरोप लगाया कि सरकार राशनकार्ड धारकों को तिरंगा खरीदने के लिए मजबूर कर रही है।

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