इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का बड़ा दावा- कावड़ यात्रा हुई तो आएगी तीसरी लहर…..

कोरोना की विनाशकारी दूसरी लहर के बाद मामले कम होते ही लोगों की बेफिक्री भयानक तीसरी लहर के लिए न्योता साबित हो सकती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के डॉक्टरों ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए एक पत्र जारी किया है जिसमें साफ चेताया है कि अगर लोगों ने घुमक्कड़ी, तीर्थ और यात्राओं पर लगाम नहीं कसी तो कोरोना की तीसरी लहर भयावह होगी।  विज्ञापन

डॉक्टरों की संस्था आईएमए ने कहा, पर्यटन, यात्राएं और धार्मिक आस्थाएं जरूरी हैं, पर अभी इसके लिए कुछ महीने इंतजार करना ही बेहतर होगा। दुनियाभर से हमें सीख लेने की जरूरत है। किसी भी महामारी का इतिहास उठाकर देख लें, तीसरी लहर को टाला नहीं जा सका है और दूसरी के बाद इसके आने का अंतराल भी बहुत लंबा नहीं रहा।

इसके बाद जब हमें सावधानी बरतनी चाहिए, तब लोग बेफिक्र होकर घूमने के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे हैं, यह दुखद है। आईएमए की ओर से यह बयान ठीक उस दिन आया है, जब पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ यात्रा का शुभारंभ हुआ है। वहीं, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने पर चर्चा कर रही हैं। 

बिना टीके के बेरोकटोक घूमने  से रफ्तार पकड़ेगी तीसरी लहर 
आईएमए ने कहा, जिस तरह आयोजनों को छूट दी गई है और लोगों को टीकाकरण के बिना भी बेरोकटोक बड़ी संख्या में इकट्ठे होने दिया जा रहा है। यह असल में तीसरी लहर को गति देगा। पर्यटन स्थलों पर जुटी लोगों की भीड़ में कोरोना नियमों का पालन असंभव होता दिख रहा है। यही लोग संक्रमण को पैर पसारने में मदद करेंगे और तीसरी लहर को रफ्तार देेंगे। आईएमए ने राज्यों से स्थिति की गंभीरता को समझते हुए भीड़ जुटने से रोकने की अपील की है। 

बीते डेढ़ साल की जंग से लेनी होगी सीख  
आईएमए ने कहा, बीते डेढ़ वर्ष की जंग के बावजूद हुए नुकसान से हमें सीख लेनी होगी। अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने और कोरोना सम्मत व्यवहार का सख्ती से पालन करने से तीसरी लहर का  सामना करना आसान होगा और इसका असर भी कम होगा। लेकिन अगर पर्यटन व आयोजनों की मौजूदा स्थिति पर नियंत्रण नहीं किया गया तो तीसरी लहर समय से पहले आएगी ओर अधिक तबाही मचा सकती है।

हर किसी को समझनी होगी अपनी जिम्मेदारी 
डॉक्टरों की संस्था ने कहा, कोरोना के एक मरीज के इलाज के परिणाम व अर्थव्यवस्था पर इसका असर निश्चित रूप से इस तरह के आयोजनों व सामूहिक समारोहों को रोकने से होने वाले नुकसान से बेहतर होगा। यह हर किसी की निजी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि कम से कम तीन महीने तक कोरोना सम्मत व्यवहार का कड़ाई से पालन किया जाए।  

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