जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की दवा खोजने को लेकर शोध किया है। जामिया के सेंटर फॉर इंटर डिसिप्लिनरी रिसर्च इन बेसिक साइंसेज में हुए शोध के निष्कर्ष के अनुसार, हेपेटाइटिस सी और एचआईवी के संक्रमण रोकने वाली दवा कोरोना संक्रमण रोकने में मददगार साबित हो सकती हैं।
इस शोध को दुनिया की प्रतिष्ठित पत्रिका बायोसाइंस रिपोर्ट ने मान्यता दी है। जामिया के वैज्ञानिकों ने कहा कि दोनों दवाएं सुरक्षित हैं, लेकिन कोरोना के मरीज को दिए जाने से पहले इनका क्लीनिकल ट्रायल आवश्यक है।
सीआईआरबीएससी में इस शोध टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ. इम्तियाज हसन के अनुसार प्रयोगशाला में हमने कोरोना के मुख्य प्रोटीज की जारी क्रिस्टल संरचना की मदद से दवाओं की संभावित चिकित्सकीय विकल्प तलाशने का प्रयास किया है। जिनता प्रयोग कोरोना के इलाज के विकल्प के तौर पर किया जा सकता है। इसमें से ग्लीपकेरवीर एक एंटीवायरल दवा है, जिसका प्रयोग हैपेटाइटिस सी वायरस से संक्रमित रोगियों के उपचार में किया जाता है। वहीं एचआईवी संक्रमण रोकने में मारवीयोक का प्रयोग किया जाता है।