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गरीबी की मार : बेबस बाप और पति अर्थी की जगह ले जाना पड़ा…

रास्ते से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने यह दृश्य देखा तो उनका दिल पसीज गया। उन्होंने रोककर उनसे मामले की जानकारी ली , कुछ पैसों की मदद कर ई-रिक्शा की व्यवस्था कराई और पार्थिव शरीर को गंगा घाट तक भेजा।

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आत्मा को झकझोर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां झूंसी में महिला की मौत के बाद पिता और पति उसके शव को बांस में कपड़ा बांधकर व महला के शव को उस कपड़े में बांस के सहारे लटकाकर अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे थे। वह जिस गली से भी गुजर रहे थे।
लोग उन्हें आश्चर्य भरी नजरों से देख रहे थे। रास्ते से गुजर रहे कुछ राहगीरों का दिल पसीजा तो उन्होंने रोककर उनसे जानकारी ली और कुछ पैसों की मदद कर ई-रिक्शा से पार्थिव शरीर को गंगा घाट तक भेजने की व्यवस्था की। मौके पर झूंसी पुलिस भी पहुंच गई।

क्या था पूरा मामला ?

वाराणसी के रहने वाले वनवासी समाज के दो लोग बांस में महिला के शव को लटकाकर दारागंज गंगा घाट ले जा रहे थे। यह दोनों महिला के पति और पिता हैं। पत्तल बेचकर किसी तरह घर चलाते हैं। महिला की मौत के बाद इनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वाहन से शव को ले जा सकें।
महिला के पति ने बताया कि पत्नी काफी दिनों से बीमार चल रही थी। जिसकी मृत्यु शुक्रवार को हो गई। पैसे न होने के कारण मजबूरी में बांस में बांध कर दारागंज पुल के नीचे बसे रिश्तेदारों के पास ले जाकर अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मृतका अनीता के पिता मैनेजर ने बताया कि पैसा नहीं होने के कारण मजबूरी में पैदल बांस में बांधकर बिटिया के शव को ले जाना पड़ रहा है।

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