शुक्रवार को इसराइल द्वारा की गई एक एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया गया, जिसमें हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह समेत कई वरिष्ठ नेताओं की मौत हो गई।
इस घटना के बाद पूरी दुनिया में शिया, सुन्नी और अन्य समुदायों में भारी आक्रोश फैल गया है। लोग शोकाकुल हैं और इसराइल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत के कई हिस्सों में भी ताज़ियाती जलसे हो रहे हैं, खासकर लखनऊ में, जहां मौलाना कल्बे जवाद और अन्य उलेमा की अगुवाई में एक बड़ा ताज़ियाती जलसा हुआ।
हुसैनी टाइगर्स ने उठाए सवाल
लखनऊ में शिया युवा संगठन हुसैनी टाइगर्स ने भी इसराइल के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। विरोधकर्ताओं ने उन भारतीय मीडिया समूह की भी आलोचना की, जो हिजबुल्लाह को आतंकी संगठन और हसन नसरुल्लाह को आतंकी करार दे रहे है।
हुसैनी टाइगर्स के लीगल सेल के प्रेजिडेंट जरी अब्बास ने भारतीय मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब भारत सरकार की आतंकी संगठन की आधिकारिक सूची में हिजबुल्लाह का नाम नहीं है, तो मीडिया किस आधार पर इसे आतंकी संगठन बता रही है?” उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी आतंकी संगठनों की सूची का हवाला देते हुए कहा कि हसन नसरुल्लाह एक धार्मिक नेता थे और उन्हें आतंकी कहना अनुचित है।
जरी अब्बास ने मीडिया से अपील की कि वह ऐसी गैर-ज़िम्मेदाराना टिप्पणियों से बचें और तथ्यों पर आधारित खबरें चलाएं।