हाथरस गैंगरेप: पीड़िता के परिजनों का बड़ा आरोप- मोबाइल भी छीने- और मीडिया से नहीं मिलने…..

  • पीड़िता के परिजनों में से बच्चा आया मीडिया के सामने लगाए कई गंभीर आरोप बोला हमारे फोन भी छीनें और हमें मीडिया से दूर रखा जा रहा है और मेरे पापा पर भी किया पुलिस ने हमला

हाथरस मामले में पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें किसी भी कीमत पर मीडिया से मिलने नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन ने पीड़िता के गांव में पहले से ही धारा 144 लगा दी है। शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवार ने एक नाबालिग बच्चे को किसी भी तरह मीडिया से संपर्क करने के लिए भेजा।

बच्चे ने बताया कि हमारे कुछ मोबाइल फोन ले लिए गए हैं और हमें मोबाइल को स्विच ऑफ करने के लिए कहा गया है।गांव में धारा 144 लगे होने के कारण पीड़ित परिवार के लोग आज खेतों को पार कर मीडिया से बात करने के लिए अपने गांव से बाहर पहुंचे थे। नाबालिग बच्चे ने बताया कि हमारा फोन ले लिया गया है। मेरे परिवार के लोगों ने बात करने के लिए मीडिया वालों को बुलाने के लिए यहां भेजा है।

मैं प्रशासन को चकमा देते हुए यहां खेतों के रास्ते से आया हूं। वे लोग न तो हमें बाहर आने दे रहे हैं और न ही मीडिया वालों को अंदर आने दे रहे हैं। नाबालिग ने कहा कि हमलोगों को धमकाया जा रहा है। ये बातें जब बच्चा कह रहा था तभी एक पुलिस वाला आ गया और उसे देखकर वह फरार हो गया।

जब मीडिया वालों ने उस पुलिस अधिकारी से पूछा कि आखिर हमें परिवार के सदस्यों से बात करने से क्यों रोका जा रहा है तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इसके बाद मीडिया कर्मियों और पुलिस के बीच बाताबाती भी हुई।

इस पूरे प्रकरण पर यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है। यूपी कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘योगी जी का मॉडल देखिए। मीडिया गांव के अंदर नहीं जा सकती। परिजन फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकते। परिवार वाले किसी से नहीं मिल सकते। तब तक योगी जी के अधिकारी बना देंगे कि रेप हुआ ही नहीं।’

ADG लॉ एंड ऑर्डर बोले- नहीं हुआ था रेप 
इस बीच, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने दावा किया है कि युवती के साथ रेप नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी। फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। प्रशांत कुमार ने कहा कि वारदात के बाद युवती ने पुलिस को दिए बयान में भी अपने साथ बलात्कार होने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि उसने सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं। पुलिस ने हाथरस मामले में तुरंत कार्रवाई की और अब हम उन लोगों की पहचान करेंगे जिन्होंने माहौल खराब करने और प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की कोशिश की। 

Share
Now