बीएचयू में रोजा इफ्तार के विरोध में बाहर पढ़ते रहे हनुमान चालीसा…

एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने बुधवार को कुलपति आवास के बाहर पुतला जलाने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर किए गए ऐलान के अगले दिन छात्र वीसी आवास पहुंच गए।

बीएचयू कुलपति के इफ्तार पार्टी में शामिल होने के मामले में बीएचयू का माहौल ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बीएचयू में बुधवार को हुए रोजा इफ्तार के विरोध में गुरुवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया। छात्रों ने पहले वीसी लॉज के सामने ढोल मजीरा बजा कर हनुमान चालीसा पढ़ा। उसके बाद महिला महाविद्यालय के द्वार पर यही क्रम दोहराया। इस दौरान प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य मूकदर्शक बने रहे। पुलिस बल की मौजूदगी में छात्र यह कह कर हनुमान चालीसा का पाठ करते रहे कि बीएचयू के वीसी प्रो. सुधीर कुमार जैन ने नई शुरुआत की है। उधर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 2010 से लेकर 2019 के पहले तक हुई रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल हुए पूर्व कुलपति और अधिकारियों की तस्वीरें जारी करके छात्रों के आरोप को गलत बताया है।

इफ्तारी पार्टी मामले में बीएचयू ने रखा अपना रक्ष

गुरुवार को बीएचयू के महिला महाविद्यालय में रोजा इफ्तार के बाद उपजे विवाद पर विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह प्राचीन परंपरा है। भारत रत्न महामना मदन मोहन मालवीय के इस विश्वविद्यालयमें किसी के साथ भेदभाव का कोई स्थान नहीं है। बयान में कहा गया है कि सर्वविद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एक समावेशी संस्थान है। विश्वविद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता, शोध व अनुसंधान तथा अपनी समग्रता के लिए वैश्विक ख्याति प्राप्त है।

यहां दुनिया भर के विद्यार्थी आते हैं और स्वच्छन्दता के साथ व निर्भय होकर शिक्षा अर्जित करते हैं। सबके के प्रति समानता के भाव संबंधी महामना का सद्वाक्य काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उल्लिखित है। महामना के जीवन दर्शन के आधार पर ही विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है। महामना ने जिन मूल्यों को केन्द्र में रखकर ये विश्वविद्यालय स्थापित किया उन मूल्यों का अनुसरण करते हुए विश्वविद्यालय में विभिन्न त्योहारों व उत्सवों का आयोजन होता है, जिसमें विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य आपसी प्रेम व सद्भाव के साथ उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं।

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