मोदी सरकार ने पंचायतीराज दिवस के दिन शुक्रवार को ‘स्वामित्व स्कीम’ लॉन्च की। इस स्कीम के तहत सभी गांवों में ड्रोन के माध्यम से गांव की हर संपत्ति की मैपिंग की जाएगी। मैपिंग के बाद गांव के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा। ऐसे में गांव वालो के मन में कई सवाल उठ रहे है कि इस स्कीम का उन्हें क्या फायदा होगा। संपत्ति पर तो उनका मालिकाना हक पहले से ही है और प्रमाण पत्र के नाम पर उनके पास कुटुंब रजिस्टर में उनका और परिवार के सदस्यों का नाम दर्ज है।
बता दें गांव की खेती की जमीन का रिकॉर्ड खसरा—खतौनी में तो होता है, लेकिन, गांवों की आवासीय संपत्ति का मालिकाना हक के आधार पर कोई रिकॉर्ड नहीं है। इस स्कीम के जरिए यह हर आवासीय संपत्ति की पैमाइश कर मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाएगा।
जानते हैं ‘स्वामित्व स्कीम’ से गांव वालो को क्या लाभ होगा…..
स्वामित्व योजना से ग्रामीणों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। इससे आवासीय संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। गांव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। सबसे बड़ा फायदा ये है कि अब तक गांव की आवासीय संपत्ति पर बैंक लोन नहीं देते थे। अब इस स्कीम के बाद शहरों की तरह गांवों में भी आप बैंकों से लोन ले सकेंगे। यानी स्वामित्व प्रमाण पत्र के जरिए आप बैंक से लोन ले सकते हैं। अभी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर शुरू कर रहे हैं।