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किसानों का दावा…हर घटना का वीडियो मौजूद, इंटरनेट सेवा बहाल होने पर ….

किसानों को कार से रौंदने की वारदात के खिलाफ आम लोगों में सोमवार को जबरदस्त गुस्सा दिखा । उनका कहना था कि किसी की मांग वाजिब या गैर वाजिब हो सकती है, पर 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कार चढ़ाने को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। किसानों का दावा तो यहां तक है कि हर घटना का वीडियो है, हम साबित कर देंगे कि कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ। तिकुनिया पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने भी घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की अपील की, ताकि न्यायिक जांच में उनका इस्तेमाल हो सके।
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जिले के कस्बों व गांवों का माहौल सोमवार को शांत था, पर सड़कों पर किसानों के जत्थे बाइक पर सवार होकर तिकुनियां की ओर जाते रहे। उनकी बाइक पर जहां निशान साहिब और किसान यूनियन का झंडा लगा था, वहीं हाथ में लाठियां और कुछ के हाथों में तलवारें भी। सबका यही कहना था कि जल्द से जल्द तिकुनिया पहुंचना चाहते हैं, ताकि वहां मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दे सकें। उस समय मारे गए चारों किसानों के शव वहीं रखे थे।

हत्या जायज नहीं ठहरायी जा सकती

निघासन में जैसे ही टीवी पत्रकार रमन कश्यप का एंबुलेंस से शव पहुंचा, वहां कस्बे के तमाम लोगों ने पहुंचकर जाम लगा दिया। कश्यप के घर के पास ही छड़ी राम की टेलरिंग की दुकान है। वह कहते हैं कि रमन का व्यवहार सबके साथ बहुत अच्छा था। हम नहीं जानते कि किसानों की मांग सही या सरकार की बात, लेकिन इस तरह से हत्या जायज नहीं ठहराया जा सकता। वहीं पर मौजूद मो. आजम और मशरूर पूरी घटना के लिए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और उनके बेटे को जिम्मेदार ठहराते हैं।

सुबह से ही मान-मनौव्वल

तिकुनिया में लखनऊ के मंडलायुक्त रंजन कुमार सुबह से ही किसानों से संवाद में लगे रहे। मौके पर किसानों की भारी भीड़ के साथ उनके नेता राकेश टिकैत समेत पुलिस व शासन के आला अफसर भी मौजूद थे। यहीं किसानों के साथ समझौते की रूपरेखा तैयार हुई। टिकैत सोमवार को भोर होने से पहले ही धरनास्थल पर पहुंच गए थे।

चश्मदीदों का दावा

तिकुनिया में मिले बिछिया (बहराइच) के किसान सुखबिंदर सिंह व जसविंदर सिंह बताते हैं कि रविवार को पूरी वारदात उनके सामने हुई। बकौल सुखबिंदर, सभी किसानों का मुंह निघासन की ओर था, क्योंकि उन्हें बता दिया गया था कि उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के आने का रूट बदला दिया गया है। अब वे हेलीपैड पर नहीं आएंगे। इसी दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष एक कार से 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ी दौड़ाते हुए वहां से निकले।

इसके पीछे उतनी ही रफ्तार से एक कार और आई। किसानों को रौंदा गया। कुछ समझ पाते, इससे पहले ही कार के अंदर से गोलियां भी दागी गईं। कौन दाग रहा था, इसे वे नहीं देख पाए। देखते ही देखते कई किसान घायल हो गए। इनमें से चार की मौत हो गई। जसविंदर बताते हैं कि तमाम लोगों के पास इस घटना से संबंधित वीडियो हैं। एक बार इंटरनेट सेवाएं बहाल हो जाएं, किसान वीडियो अपलोड करके साबित कर देंगे कि कार में केंद्रीय मंत्री का बेटा ही बैठा था।

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