नोएडा: जमीन के मुआवजे समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 149 गांवों के किसान आंदोलन की राह पर हैं। गुरुवार को हजारों की संख्या में किसान संसद कूच कर रहे हैं। इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं। दिल्ली की तरफ बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने बॉर्डर पर रोक लिया है। किसान वहीं बैठक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन की वजह से नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली जाने वाले रास्तों पर कई किलोमीटर तक जाम लग गया है। आइए आपको बताते हैं कि किन मांगों को लेकर 149 गांवों के किसान आंदोलन कर रहे हैं।
किसान संगठन दिसंबर 2023 से नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से अधिग्रहीत अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा और विकसित भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि 10 प्रतिशत प्लॉट, आबादी का पूर्ण निस्तारण, बढ़ा हुआ मुआवजा और स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाए। गौरतलब है कि सरकारी परियोजनाओं, विकास कार्य समेत कई दूसरे प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली-एनसीआर के आसपास इलाकों के गांवों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। किसानों की इन मांगों का कई संगठनों ने समर्थन किया है।
7 फरवरी को हुई किसान महापंचायत
किसान नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि मांगों के निस्तारण के लिए 7 फरवरी को नोएडा में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। इसके बाद 8 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया गया। उनका कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से किसानों की समस्याओं का निस्तारण नहीं किया रहा है। यही वजह है कि उन्हें दिल्ली कूच के लिए मजबूर होना पड़ा है।