June 9, 2023

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यूपी में फिर एनकाउंटर: दो बदमाश हुए ढेर। सिपाही के हत्यारोपी पुलिस ने मार गिराए …..

जालौन में रविवार दोपहर पुलिस ने दो बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया। उरई में फैक्ट्री इलाके में हुई इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर को भी गोली लगी है। दोनों बदमाशों पर 4 दिन पहले यानी 10 मई को ड्यूटी के दौरान सिपाही भेदजीत सिंह की हत्या करने का आरोप है।

जालौन एसपी ई राजा ने बताया, “हमें मुखबिर से सूचना मिली थी कि ये दोनों बदमाश उरई के पास फैक्ट्री एरिया में आने वाले हैं। हम लोग मौके पर पहुंच गए। वहां टीमें बनाकर घेराबंदी की। दोनों बदमाश वहां पहुंचे तो पुलिस ने रुकने का इशारा किया। लेकिन, बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इसमें उरई एसएचओ के हाथ पर गोली लगी।”

“इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। गोली लगने से दोनों बदमाश घायल हो गए। दोनों को जिला अस्पताल लाया गया। वहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। मारे गए एक अपराधी का नाम कल्लू। जबकि दूसरे का नाम रमेश है। दोनों उरई के ही रहने वाले थे।

सिपाही पर फायरिंग की, फिर नुकीली चीज से हत्या की”
एसपी ने बताया कि 10 मई की रात सिपाही भेदजीत की हत्या की थी। भेदजीत ने ड्यूटी के दौरान इन दोनों बदमाशों को रोकने का प्रयास किया था। इसके बाद इन दोनों ने उस पर फायरिंग कर दी। जब भेदजीत सिंह फायरिंग से बच गया तो इन्होंने नुकीली चीज और तमंचे की बट से भेदजीत पर हमला कर दिया। इससे उनकी मौत हो गई थी। ये दोनों अपराधी किस्म के थे। पहले भी कई घटनाओं में शामिल रहे हैं।

सेना से रिटायर होने के बाद भेदजीत ने पुलिस ज्वाइन की थी
भेदजीत उरई कोतवाली की हाईवे स्थित पुलिस चौकी पर ड्यूटी कर रहे थे। तभी रात के करीब डेढ़ बजे संदिग्ध बाइक सवार दिखाई दिए। इस पर सिपाही ने उनके चेहरे पर टॉर्च जलाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद बदमाशों ने सिपाही पर हमला कर दिया। नुकीली चीज मारकर उनकी हत्या कर दी थी। सेना से रिटायर होने के बाद भेदजीत सिंह ने पुलिस की नौकरी ज्वाइन की थी।

भेदजीत के भाई बोले- सरकार शहीद का दर्जा दे
दोनों बदमाशों के एनकाउंटर के बाद मृतक सिपाही भेदजीत के भाई महाजीत ने कहा, “पुलिस की कार्रवाई से वो खुश हैं। पुलिस ने दोनों हत्यारों को ढेर कर दिया है। ऐसे लोग अपने स्वार्थ के लिए लोगों की हत्या कर देते हैं और झेलना मरने वाले के परिवार को पड़ता है। मेरा बस अब सरकार से यही कहना है कि मेरे भाई को शहीद का दर्जा मिले और उसके परिवार को सहायता मिले। जिससे उनका जीवन सही से चल सके।”

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