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भक्तों ने मां स्कंदमाता की उपासना की….

चंद्रकिशोर पासवान की रिपोर्ट
बखरी/बेगुसराय नवरात्र के पांचवें दिन गुरुवार को भक्तों ने मां स्कंदमाता की उपासना की हैं।दुर्गा सप्तशती के पाठ और आरती-भजन से माहौल भक्तिमय बना हुआ है।जगह-जगह पुजा की तैयारी जोड़ पकड़ने लगी है।लोग सुबह से ही पुजा की तैयारी में जुट जाते हैं।सभी श्रद्धालु निष्ठा के साथ पुजा कर रहे हैं।जबकि नगर में स्थित तीनों पुजा स्थल पुरानी दुर्गा मंदिर,नवदुर्गा स्थान तथा वैष्णवी दुर्गा मंदिर में मूर्तिकार प्रतिमा को अंतिम रुप देने में जुटे हैं।वही पंडालों को आकार देने का काम तेजी से किया जा रहा है।तीनों मंदिर में भव्य पंडाल बनाया गया है। पुरानी दुर्गा मंदिर के पुजारी अमरनाथ चौधरी ने बताया कि मां दुर्गा के पांचवें स्वरुप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।भगवान स्कन्द कुमार कार्तिकेय नाम से भी जाने जाते हैं।ये प्रसिद्ध देवासुर-संग्राम में देवता के सेनापति बने थे।इन्ही भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां के पांचवें स्वरुप को स्कन्दमाता कहा जाता है।वही कमल के आसन पर विराजमान होने के कारण से इन्हें पद्मासन देवी कहा जाता है।इनके उपासना से बालरुप स्कन्द भगवान की उपासना स्वयमेव हो जाती है।यह विशेषता केवल इन्ही को प्राप्त है,अत: साधक को इनकी उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।नवरात्र के पांचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया है।इस दिन साधक का मन विशुद्ध चक्र में स्थित होता है।इधर गंगा आरती के तर्ज पर आयोजित किए जा रहे शक्तिपीठ पुरानी दुर्गा मंदिर में दुर्गा आरती के चौथे दिन देर शाम एसडीएम सन्नी कुमार सौरव यजमान बनकर श्रद्धालुओं का उत्साहवर्धन किए।वही एसडीएम को बनारसी से पधारे विद्वान ब्राह्मणों ने आरती शुरू होने से पहले विधि विधान से पूजा अर्चना कराया।तत्पश्चात ब्राह्मणों ने आरती की शुरुआत किया।

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