उत्तराखंड जिसे देवभूमि भी कहा जाता है। जहाँ धर्म और संस्कारो को बहोत ज्यादा तवज्जो दी जाती है। जहाँ रिश्तो की बुनियाद पर विश्वास किया जाता है ,अब सवाल ये की क्या हम उन रिश्तो की एहमियत को समझ पाए है , जमीनी स्तर पर देखे तो शायद नहीं ,ये इसलिए क्युकी बहू-बेटों की प्रताड़ना से तंग बुजुर्ग डीएम कार्यालय और शिकायत प्रकोष्ठ में शिकायतें करने पहुंचे। हर सप्ताह 15 से 20 मामले आ रहे हैं। अत्याचार की शिकायतों से कलेक्टर ऑफिस की फाइलें मोटी होती जा रही हैं। और देव भूमि शर्मसार होती जा रही है। जहाँ बुजुर्ग माता पिता अपने ही घर में अपनों के ही प्यार से वंचित हो रहे है। जहाँ उनके बच्चे उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से तंग कर रहे है। और ये सिर्फ एक घर की कहानी नहीं तकरीबन कई घरो की कहानी है। देखा जाये तो आजकल के रिश्तो में केवल स्वार्थ रह गया है। जहाँ एक समय माता पिता ने अपने बच्चो को अपनी ज़िंदगी का सबसे अच्छा हिस्सा समर्पित किया , वही उनकी खुद की औलाद उन्हें परेशान कर रही है।
जिलाधिकारी ने दिए कार्यवाही के निर्देश
डीएम ने तत्काल पुलिस अधीक्षक क्राइम को कार्रवाई के निर्देश दिए। एक अन्य मामले में एक बुजुर्ग महिला ने डीएम को बताया कि उनके बेटे उन्हें घर पर रखने को तैयार नहीं हैं। बहू और बेटों ने मिलकर उनको प्रताड़ित कर रखा है। खाने के लिए ठीक से भोजन भी नहीं मिलता, उपचार के लिए उनके पास पैसे भी नहीं हैं। डीएम ने उप जिलाधिकारी सदर को भरणपोषण अधिनियम के तहत बुजुर्ग मां की मदद कराने व बेटों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।