देश में केंद्र सरकार ने अपने सेवारत कर्मचारियों और अधिकारियों और रिटायर्ड कर्मियों को भी NPS छोड़कर पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल होने का अवसर दिया है।
इससे पहले यह विकल्प मार्च में केंद्रीय कर्मियों को प्रदान किया गया था। उसके बाद जुलाई में अखिल भारतीय सेवाओं के चुनींदा अधिकारियों को भी यह विकल्प दे दिया गया। उसके बाद रिटायर्ड कर्मियों की तरफ से यह पूछा गया कि क्या वे भी इस विकल्प का फायदा उठा सकते हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें भी एनपीएस से ओपीएस में जाने का विकल्प प्रदान कर दिया।
बता दें सात नवंबर को जारी कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है कि इस विकल्प का इस्तेमाल करने वाले केंद्रीय कर्मियों के लिए प्राधिकृत अथॉरिटी द्वारा अब 30 नवंबर तक फाइनल आदेश जारी कर सकती है। पहले इस संबंध में आवश्यक आदेश 31 अक्तूबर, 2023 तक जारी किया जाना था।
पेंशनभोगी कल्याण विभाग के पास संबंधित अथॉरिटी या नियुक्ति अथॉरिटी द्वारा इस संबंध में तय अंतिम तिथि को बढ़ाने का आग्रह किया गया था। कल्याण विभाग’ द्वारा अब इस संबंध में फाइनल निर्णय लेने की कट ऑफ डेट को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है।
केंद्र सरकार के उन कर्मियों को, जो एक जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा में आए थे, लेकिन उनकी भर्ती प्रक्रिया उक्त तिथि से पहले ही पूरी हो चुकी थी। इसमें पदों के विज्ञापन से लेकर भर्ती की सभी औपचारिकताएं शामिल थी।
किन्हीं कारणों से ऐसे कर्मचारी, जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए थे। 22 दिसंबर 2003 को एनपीएस लागू होने से पहले उन कर्मियों का फाइनल रिजल्ट आ चुका था, लेकिन उन्हें ज्वाइनिंग पहली जनवरी 2004 के बाद मिली थी। ऐसे में उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल सका। उन्हें एनपीएस में शामिल कर दिया गया।
कल्याण विभाग द्वारा इस संबंध में 20 अक्तूबर को कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है, कुछ ऐसे केंद्रीय कर्मी, जो अब रिटायर हो चुके हैं, उन्होंने पूछा है कि क्या वे भी ओपीएस में शामिल हो सकते हैं। क्या उक्त आदेश, उन लोगों पर भी लागू होगा, जो यह आदेश आने से पहले से ही रिटायर हो गए थे।
यहां पर ऐसे कर्मियों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। जैसे यदि उन्होंने रिटायरमेंट पर एनपीएस का सारा लाभ ले लिया है, तो वह वापस करना होगा। रिटायरमेंट पर एनपीएस से मिला पैसा वापस करेंगे तो ही वे ओपीएस का लाभ तभी ले सकते हैं।