बड़ी लापरवाही: मरीज के पैर पर थे घाव और रेंग रहे थे कीड़े- डॉक्टरों ने अस्पताल से किया बाहर- जानिए पूरा मामला….

पैर पर घाव और उसमें रेंगते कीड़े। कोहनी पर गहरा घाव इतना कि अंदर की हड्डी भी साफ दिखाई दे रही है। मक्खी, कीड़े और पसीने के चलते असहनीय दर्द। रविवार को नई दिल्ली स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के बाहर बस स्टाप पर बैठा वह शख्स अस्पताल में ही भर्ती था लेकिन बेघर होने के चलते इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं था।

शायद इसीलिए डॉक्टरों ने उसे इमरजेंसी वार्ड से बाहर कर दिया। शरीर पर न कपड़ा और न पट्टी। बस कपड़े के नाम पर अस्पताल की एक खुली हुई एप्रेन, जिसमें शख्स बार बार कभी अपने जख्म तो कभी अपना नग्न शरीर को छिपाने की कोशिश कर रहा था।

इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस दृश्य को देखकर जब अस्पताल के ही जिम्मेदार अधिकारियों से बातचीत का प्रयास किया गया तो जानकारी ही नहीं दी। अस्पताल चिकित्सा अधीक्षक से लेकर आपतकालीन के प्रमुख तक किसी ने भी इस मामले में आगे आकर एक लाचार मरीज को उपचार दिलाना तक जरूरी नहीं समझा। अस्पताल के अंदर तैनात सुरक्षा गार्डों से ही पता चला कि यह मरीज अस्पताल में ही भर्ती था लेकिन तीमारदार न होने के चलते इसे अस्पताल से भगा दिया।

यह मरीज कौन है, कहां से आया है, इसे इतने गहरे और गंभीर घाव कैसे आए? इन सवालों के बारे में कोई नहीं जानता। खुद मरीज भी इस स्थिति में नहीं था कि वह इन सवालों के बारे में बता सकता। करीब तीन घंटे तक अस्पताल के गेट नंबर चार के बाहर बस स्टाप पर बैठा मरीज इलाज का इंतजार करता रहा लेकिन आखिर में द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन के सामाजिक कार्यकर्ता वहां एंबुलेंस लेकर पहुंचे और मरीज को लेकर निकल गए।

उन्होंने पहले मरीज को कपड़े पहनाए और फिर मामूली पट्टी करते हुए उसे एंबुलेंस में लिटाया। इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी पहचान के बारे में बताते हुए कहा कि वे फाउंडेशन की निगरानी में मरीज का उपचार कराएंगे। हालांकि रविवार देर रात फाउंडेशन से संपर्क करने पर पता चला कि सोमवार को ही मरीज के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी।

देश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का दावा करने वाली दिल्ली में अक्सर ऐसी शर्मिंदगी भरी घटनाएं देखने को मिलती हैं। कभी दिल्ली सरकार तो कभी केंद्र। किसी न किसी अस्पताल के बाहर इस तरह मानवता शर्मसार होती है। ऐसे शर्मनाक कृत्य पर अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों की चुप्पी भी इनकी लापरवाही को उजागर करती है।

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