BIG BREAKING: RBI की बड़ी घोषणा, रेपो रेट 0.25% घटा अब आपका लोन और EMI भी….

RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया है। यह फैसला 2025 के अप्रैल माह में लिया गया और इसका उद्देश्य आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और महंगाई पर नियंत्रण रखना है।

रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर RBI बैंकों को कर्ज़ देता है। जब RBI रेपो रेट में कमी करता है, तो बैंकों को सस्ते दर पर उधारी मिलती है, जिससे वे अपने ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं।

इसका प्रभाव आपके होम लोन, पर्सनल लोन, और अन्य प्रकार के कर्ज पर पड़ता है। जब रेपो रेट घटता है, तो आपकी EMI (मासिक किस्त) भी कम हो सकती है, खासकर यदि आपने बैलेंस ट्रांसफर या वेरिएबल रेट लोन लिया है।

RBI की कटौती का असर:

  1. EMI पर असर: जब रेपो रेट घटता है, तो ब्याज दरों में कमी आती है, जिसका मतलब है कि आपके मासिक किस्तों में भी कमी आ सकती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने ₹30 लाख का होम लोन लिया है और ब्याज दर 8.5% से घटकर 8% हो जाती है, तो आपकी EMI कम हो जाएगी।
  2. उधारी का सस्ता होना: बैंकों के लिए कर्ज लेने की लागत कम हो जाती है, जिससे वे अपने ग्राहकों को सस्ते लोन ऑफर कर सकते हैं। इससे व्यक्तिगत लोन, कार लोन, और होम लोन के ब्याज दरों में कमी आ सकती है।
  3. आर्थिक विकास: इस कटौती का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। जब कर्ज सस्ता होता है, तो लोग अधिक उधारी लेते हैं, जिसका असर खपत और निवेश पर होता है। इससे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आ सकती है।
  4. महंगाई पर नियंत्रण: RBI की मौद्रिक नीति का एक उद्देश्य महंगाई को नियंत्रित करना भी है। रेपो रेट में कमी से धन की आपूर्ति में इजाफा होता है, जो अर्थव्यवस्था में नकद प्रवाह बढ़ाता है और इसका असर महंगाई पर पड़ सकता है। हालांकि, RBI ने अपनी नीति के तहत महंगाई पर नज़र रखने का प्रयास किया है।

क्या आपके लोन पर असर पड़ेगा?

  • अगर आपके पास वेरिएबल रेट लोन (जैसे कि होम लोन या कार लोन) है, तो इसकी ब्याज दरें समीक्षाधीन होती हैं और यह सीधे रेपो रेट के साथ जुड़ी होती हैं। इस स्थिति में, आपकी EMI में कमी हो सकती है।
  • अगर आपके पास फिक्स्ड रेट लोन है, तो आपको इस बदलाव का तुरंत असर नहीं होगा। फिक्स्ड रेट लोन पर ब्याज दर पहले से निर्धारित होती है और वह रेपो रेट की घट-बढ़ से प्रभावित नहीं होती।

RBI का यह कदम क्यों लिया गया?

RBI ने इस कदम को लेने के लिए यह कारण बताया है:

  • आर्थिक विकास को गति देना: महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में पुनर्विकास की प्रक्रिया जारी है, और इस तरह के कदम से विकास में मदद मिल सकती है।
  • महंगाई को नियंत्रित करना: RBI ने महंगाई पर काबू पाना अपनी प्राथमिकता के रूप में रखा है, ताकि अर्थव्यवस्था में संतुलन बना रहे।

RBI के गवर्नर का बयान:

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “इस कटौती का उद्देश्य आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना और महंगाई को नियंत्रण में रखना है। इस नीति से आम जनता को राहत मिलेगी, और कर्ज सस्ता होने से उपभोक्ता खर्च बढ़ सकता है।”

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