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अकाली दल का बड़ा आरोप सिरसा को भाजपा ज्वाइन कराने के लिए रची गई थी साजिश, मजबूरी….

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने बुधवार को दावा किया कि मनजिंदर सिंह सिरसा को भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया। पार्टी ने कहां कि सिरसा दबाव में थे। आपको बता दें कि मनजिंदर सिरसा बादल के करीबी और अकाली दल के नेता थे।

अकाली दल के नेता डॉ दलजीत चीमा ने भाजपा को सिख विरोधी बताते हुए कहा, ”खालसा पंथ के दुश्मनों की यह सिर्फ एक कोशिश थी कि वे जो सिख समुदाय की इच्छा से हासिल नहीं कर सकते, उसे साजिशों के जरिए हासिल कर सकें।”

उन्होंने कहा, “यह सिखों के खिलाफ इंदिरा गांधी की रणनीति की निरंतरता है और सरकारी शक्ति के दुरुपयोग और झूठे मामलों के पंजीकरण के माध्यम से खालसा पंथ की धार्मिक संप्रभुता पर एक और सीधा हमला है। सिख पंथ इस चुनौती को स्वीकार करता है और इसका डटकर मुकाबला करेगा।”

चीमा ने कहा कि पहले मनजिंदर सिंह सिरसा, अकाली दल (दिल्ली) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के 11 अन्य सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। चीमा ने कहा, “हरमीत सिंह कालका और अन्य सभी सदस्य दमन से लड़ने में खालसा पंथ (सिख धर्म) की परंपराओं पर खरे उतरे, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिरसा दबाव में झुक गए। उन्होंने खालसा पंथ और आत्मा को धोखा दिया।”
चीमा ने कहा कि सिख धर्म किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा, “व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं। खालसा पंथ चलता रहता है और चलता रहेगा।”

उन्होंने कहा, ”सिख धर्म अपने जन्म से ही हमले का शिकार रहा है। आधुनिक समय में, पहले ब्रिटिश और फिर इंदिरा गांधी और अन्य कांग्रेस सरकारों ने साजिशों और दमन के माध्यम से धार्मिक संस्थानों को तोड़ने की कोशिश की।”

उन्होंने कहा, “उन्होंने पिछले दरवाजे से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और डीएसजीएमसी पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश की। हालांकि खालसा पथ ने हमेशा अकाली दल का समर्थन किया और हर साजिशकर्ता और देशद्रोही को हराया।” चीमा ने कहा कि केंद्र की कांग्रेस सरकारें जो भूमिका निभाती थीं, वह मोदी सरकार ने ले ली है।

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