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बकरीद से पहले इस मुस्‍लिम देश में बकरों की कुर्बानी पर लगी रोक, जानिए राजा के आदेश के पीछे की असली वजह…

मोरक्को ने इस वर्ष बकरीद (ईद अल-अजहा) पर बकरों की कुर्बानी पर रोक लगाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह कदम देश में जारी भीषण सूखा और पशुधन की भारी कमी के कारण उठाया गया है। मोरक्को के राजा मोहम्मद VI ने नागरिकों से इस धार्मिक अनुष्ठान से इस वर्ष दूर रहने की अपील की है, ताकि आर्थिक और सामाजिक संकट से जूझ रहे परिवारों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

प्रमुख कारण

  1. सूखा और पशुधन की कमी: मोरक्को में पिछले सात वर्षों से लगातार सूखा चल रहा है, जिसके कारण पशुधन की संख्या में 38% की गिरावट आई है। 2025 में वर्षा 30 वर्षों के औसत से 53% कम रही, जिससे चारे की कमी और मांस उत्पादन में गिरावट आई है।
  2. आर्थिक दबाव: मांस की कीमतों में वृद्धि के कारण निम्न आय वर्ग के परिवारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ा है। कई परिवारों ने बकरों की खरीद के लिए कर्ज लिया है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और बिगाड़ रहा है।
  3. सरकारी उपाय: मोरक्को सरकार ने मांस की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आयात शुल्क और वैट को निलंबित किया है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया से 100,000 बकरों के आयात का समझौता किया गया है।

धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ

ईद अल-अजहा इस्लामिक कैलेंडर का महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें इब्राहीम (अब्राहम) की बलिदान की भावना को सम्मानित किया जाता है। मोरक्को में यह पहली बार नहीं है जब इस परंपरा को स्थगित किया गया है; इससे पहले 1963, 1981 और 1996 में भी इसी तरह के निर्णय लिए गए थे।

राजा मोहम्मद VI ने इस वर्ष के लिए व्यक्तिगत रूप से कुर्बानी देने की घोषणा की है, जिससे नागरिकों को इस धार्मिक कर्तव्य को निभाने में मदद मिल सके।

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