मुख्तार पर POTA लगाने वाले DSP पर लगे केस हुए वापस, सपा ने कहा बीजेपी खुद बन गई कोर्ट…

लखनऊ: साल 2004 में सपा सरकार के दौरान बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के पास से सेना की चोरी हुई एलएमजी (Light Machine Gun) बरामद  हुई थी. इस मामले में पूर्व डिप्टी एसपी शैलेन्द्र सिंह ने मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई की थी. हालांकि तब डिप्टी एसपी पर ही केस दर्ज हुए थे और उन्हें सलाखों के पीछे जाना पड़ा था. लेकिन अब योगी सरकार में शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लिए गए हैं. यह आदेश CJM कोर्ट ने दिया है. खुद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी सोशल मीडिया पर शेयर कर यह जानकारी दी है. 

गौरतलब है कि इंडियन आर्मी के ही एक भगोड़े जवान ने सेना से लाइट मशीन गन चुराई थी और माफिया मुख्तार को बेच दी थी. जब यह मामला सामने आया, तो UP स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) के तत्कालीन डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बहुबली विधायक मुख्तार के खिलाफ POTA (The Prevention of Terrorism Act, 2002) के तहत कार्रवाई की थी. लेकिन उस समय की सरकार (समाजवादी पार्टी सरकार) ने शैलेंद्र सिंह पर दबाव बनाना शुरू किया. इस बात से गुस्साए शैलेंद्र सिंह ने डिप्टी एसपी के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. 

इसके बाद सपा सरकार ने शैलेंद्र पर कई केस लगा दिए. 2017 में जब योगी सरकार आई तो शैलेंद्र सिंह पर लगे सभी केस हटाने का निर्णय लिया गया. इस फैसले को कोर्ट की तरफ से भी मंजूरी मिल गई है. 

पूर्व डिप्टी सीएम ने पोस्ट कर लिखा ये
CJM कोर्ट के फैसले के बाद शैलेंद्र सिंह ने कोर्ट के आदेश की कॉपी फेसबुक पर शेयर कर लिखा, “2004 में जब मैंने माफिया मुख्तार अंसारी पर LMG केस में POTA लगा दिया था, तो मुख्तार को बचाने के लिए उस समय की सरकार ने मेरे ऊपर केस खत्म करने का दबाव बनाया. जिसे न मानने के फलस्वरूप मुझे डिप्टी एसपी पद से त्यागपत्र देना पड़ा था. इस घटना के कुछ महीने बाद ही तत्कालीन सरकार के इशारे पर, राजनीति से प्रेरित होकर मेरे ऊपर वाराणसी में आपराधिक मुकदमा लिखा गया और मुझे जेल में डाल दिया गया. लेकिन जब योगी जी की सरकार बनी तो, उक्त मुकदमे को प्राथमिकता के साथ वापस लेने का आदेश पारित किया गया, जिसे सीजेएम न्यायालय द्वारा 6 मार्च, 2021 को स्वीकृति प्रदान की गई. न्यायालय के आदेश की नकल आज ही प्राप्त हुई. मैं और मेरा परिवार योगी जी की इस सहृदयता का आजीवन ऋणी रहेगा. संघर्ष के दौरान मेरा साथ देने वाले सभी शुभेक्षुओं का, हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.”

कर्मचारी द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर शैलेंद्र सिंह गए थे जेल
जानकारी के मुताबिक, शैलेंद्र सिंह ने जब इस्तीफा दे दिया था, उसके कुछ महीने बाद वाराणसी के कैंट थाने में डीएम ऑफिस के फोर्थ क्लास कर्मचारी ने  उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. तहरीर में कर्मचारी ने बताया था कि शैलेंद्र ने डीएम ऑफिस के रेस्टरूम में तोड़फोड़ और हंगामा किया है. ऐसे में शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. 

मुख्तार अंसारी लाया जाएगा यूपी
मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया. मुख्तार  कोर्ट में व्हील चेयर पर आया और बताया कि वह ज्यादातर बीमार रहता है. कोर्ट ने उसकी बात सुनकर वापस रोपड़ जेल भेज दिया है. पंजाब सरकार का भी कहना है कि वह पूरी तरह से फिट नहीं है, इसलिए कोर्ट उसे यूपी न जाने दे. इस मामले में अब अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी. बता दें, कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार को सौंप दिया जाए. 

अनुराग भदौरिया ने सरकार के फैसले पर उठाए सवाल
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा है, ‘लगता है भारतीय जनता पार्टी अदालत का भी काम करने लगी है. जो नेता, जो अधिकारी भारतीय जनता पार्टी की नीति का सपोर्ट करेंगे, उनके ऊपर से आपराधिक मुकदमे हट जाएंगे और जो सरकार या बीजेपी की नीति का विरोध करेंगे, उन नेताओं पर आपराधिक मुकदमे लग जाएंगे.’ उन्होंने आगे कहा, “मैं पूछना चाहता हूं यह कौन सा लोकतंत्र है? यह कौन सा संविधान है? क्या देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है?”

भाजपा प्रवक्ता ने किया पलटवार
वहीं, भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ल ने अनुराग भदौरिया के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि सपा की सरकार के समय जब कोई पुलिसकर्मी माफियाओं पर कार्रवाई करता था, तो उसको इनाम देने की जगह दंडित किया जाता था. इस सरकार में ऐसा नहीं होगा.

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