चक्रवाती तूफान अम्फान सुपर साइक्लोन से बेहद गंभीर तूफान में बदलते हुए बुधवार को दोपहर से शाम के बीच पश्चिम बंगाल के दीघा तट से टकराएगा। इस दौरान 180 किलोमीटर प्रति घंटा तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और तेज बारिश होगी। भारी तबाही की आशंका के बीच पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों से तीन लाख लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
मौसम विभाग ने कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई एनसीएमसी की बैठक में बताया कि तूफान से सबसे भारी तबाही पश्चिम बंगाल और ओडिशा के छह जिलों में होगी। मंगलवार को यह तूफान ओडिशा तट के करीब पहुंच गया और कई इलाकों में बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम बंगाल में पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिणी एवं उत्तरी 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता पर सबसे बुरा असर होगा।
ओडिशा में तेज हवाओं की वजह से पेड़ टूटकर सड़कों पर गिर रहे हैं। फायर सर्विसेज टीम वाहनों की आवाजाही, आवश्यक वस्तुओं, और आपातकालीन सेवा कर्मियों की सुविधा के लिए भद्रक में आर एंड बी कार्यालय के पास सड़क पर गिरे पेड़ों को हटा रही है।
ओडिशा में अम्फान तूफान की वजह से खतरनाक तेज हवाएं चल रही हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पारादीप में 102 किमी, चंदबली में 74 किमी, भुवनेश्वर में 37 किमी, बालासोर में 61 किमी और पुरी में 41 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं।
वहीं ओडिशा के केंद्रपारा, भदरक, बालासोर, मयूरभंज, जयपुर और जगतसिंहपुर जिले में सबसे ज्यादा नुकसान होगा। इस दौरान ओडिशा के मुख्य सचिव और पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को अपनी तैयारियों का ब्योरा दिया। तटीय इलाकों से लोगों को निकाल लिया गया है।
अम्फान चक्रवात के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 19 टीमों को तैनात किया गया है। दक्षिण-24 परगना में 6 टीमें, पूर्वी मिदनापुर और कोलकाता में 4 टीमें, उत्तर-24 परगना में 3 टीमें, हुगली और हावड़ा में 1 टीम तैनात किया गया है। एनडीआरएफ के दूसरे बटालियन के कमांडेंट निशित उपाध्याय ने यह जानकारी दी