उत्तराखंड के बाद अब इस राज्य में भी लागू होगा UCC, 5 सदस्यीय समिति का हुआ गठन….

गुजरात में भी अब यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य सरकार ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करेगी और अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी।

कमेटी में कौन-कौन हैं?
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रंजना देसाई
सीएल मीणा
आरसी कोड़ेकर
दक्षेश ठाकर
गीता श्रॉफ

कमेटी क्या करेगी?
यह कमेटी सभी धर्मों के गुरुओं से चर्चा करने के बाद ही रिपोर्ट बनाएगी।

क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड?
यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना, चाहे उनका धर्म, जाति और जेंडर कुछ भी हो। अगर किसी राज्य में नागरिक संहिता लागू हो जाए तो वहां विवाह, तलाक, बच्चे को गोद लेने और संपत्ति के बंटवारे जैसे सभी विषयों पर प्रत्येक नागरिक के लिए एक जैसा कानून लागू होगा।

गुजरात में कब लागू होगा यूसीसी?
कमेटी 45 दिनों में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद राज्य सरकार इस रिपोर्ट पर विचार करेगी और यूसीसी को लागू करने पर फैसला लेगी।

यूसीसी को लेकर क्या है विवाद?
कुछ लोगों का मानना है कि यूसीसी सभी नागरिकों को समानता का अधिकार देगा और इससे महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि यूसीसी धार्मिक स्वतंत्रता का हनन है और यह देश की विविधता को खत्म कर देगा।

उत्तराखंड में पहले ही लागू हो चुका है यूसीसी
उत्तराखंड में 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता लागू कर दिया गया है। यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।

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