राजस्थान के कोचिंग हब कहे जाने वाले कोटा शहर से लगातार छात्रों के सोसाइड के मामले सामने आ रहे हैं.2023 में भी लगभग कई छात्रों ने खुद को मौत के घाट उतार लिया है.जांच के बाद से सामने आया है कि सुसाइड करने वाले अधिकतर छात्र वो हैं जो नीट व जेईई की तैयारी कर रहे थे.इन दर्दनाक घटनाओं ने केवल मां बाप को ही नहीं बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है.
कोटा में सरकार और प्रशासन लगातार हर प्रयास कर रहे हैं ताकि छात्रों के सुसाइड मामलों पर अंकुश लगा सकें. इस कड़ी में एक नया बदलाव भी दिखाई देता है, यहां छात्र सुसाइड के बाद एक माहौल बन गया है जिसमें कई पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ कोटा में रहने लगे हैं, पेरेंट्स का कहना है कि इस माहौल को देखकर डर लगता है.
राजस्थान के कोटा शहर को कोचिंग हब के नाम से जाना जाता है जहां से कई छात्र सफलता की सीड़ी चढ़ते है लेकिन इसी कोचिंग सेंटर से कई छात्र ऐसे भी हैं जो अपनी जान गवां देते है,कई छात्र माता पिता के प्रेशर में आकर तो कई छात्र आगे निकलने की होड़ में मौत को गले लगा लेते है.सुसाइड तकने वाले छात्रों के आकड़ों ने सभी को हिलाकर रख दिया है. वहीं इसी साल के इन 9 महीनों के छात्रों के सुसाइड के आंकड़े अब स्टूडेंट के पेरेंट्स को भी डराने लगें हैं.और मां बाप अब अपने बच्चों के साथ आकर रहने लगे हैं ताकि बच्चों के किसी भी तरह का डिप्रेशन न सता सके.
वहीं एक छात्रा की मां ने बातचीत के दौरान बताया कि मुझे अपने बेटे की चिंता सताने लगी है इसलिए मैं अपने बेटे के साथ कोटा रहने आ गई हुं,कई बार मेरे बेटे से बात होती थी तो अक्सर वह मुझे बताया करता था कि यहां पर खाना अच्छा नहीं मिलता है जिसकी वजह से मैं कई बार खाना भी नहीं खा पाता हुं अब सुसाइड के इन बढ़ते मामलों को देखकर तो हर मां को डर लगने लगा है.इसलिए मैं सभी से यही कहना चाहती हुं कि हर माता पिता अपने तैयारी कर रहे बच्चे का ज्यादा से ज्यादा ध्यान रखे जिससे भविष्य में कोई भी परेशानी न उठानी पड़े।
उन्होनें आगे कहा कि तैयारी कर रहे हर छात्र को यह समझाना बेहद जरुरी है कि वह अपनी तरफ से पूरी कोशिश करे लेकिन अगर फिर भी एग्जाम नहीं निकलता है तो वह इसमें खुद को कोई दोष ना दे क्योकिं मात्र एग्जाम ना निकलने से उसकी पूरी जिदंगी खत्म नहीं हो जाएगी। जीवन में आगे भी कई रास्ते हैं जिन पर चलकर वह खुद को सफल बना सकता है.