June 9, 2023

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LG बन प्रोफेसर ने VC को बार बार कॉल करके कराता रहा काम! आखिर पुलिस ने धर दबोचा! अब तिहाड़ जेल भेजा गया…..

गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के एक सहायक प्रोफेसर ने एलजी बनकर अपनी ही यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को दो बार कॉल कर दी। आरोपी ने पहली बार अपनी खुद की छुट्टियां मंजूर करा ली। दूसरी बार आरोपी ने अपनी बहन को यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग में नौकरी दिलवाने का प्रयास किया। शक होने पर वाइस चांसलर ने जब इसकी पड़ताल कराई तो हकीकत का पता चला। मामले की शिकायत द्वारका नॉर्थ थाना पुलिस से की गई। वारदात के समय आरोपी यूके में पढ़ाई के लिए गया हुआ था।

प्रोफेसर के खिलाफ जारी हो गया था लुक आउट नोटिस
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एलओसी (लुक आउट सर्कुलर) जारी करवा दिया। सोमवार को जैसे ही वह भारत पहुंचा तो आईजीआई एयरपोर्ट पर उसे दबोच लिया गया। उसकी पहचान रोहित सिंह के रूप में हुई है। वह यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर तैनात है। मामले में पुलिस ने रोहित के पिता राजपाल सिंह और बहन मानवी को भी सह-आरोपी बनाया है।

यूके से वीसी के लैंड लाइन पर एलजी बनकर की थी कॉल
द्वारका जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल किसी ने जीजीएसआईपी यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. महेश वर्मा को कॉल कर खुद को उप-राज्यपाल वीके सक्सेना बताया था। आरोपी ने वीसी के लैंड लाइन नंबर पर कॉल कर यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर रोहित सिंह की विदेश में पढ़ाई के लिए छुट्टी देने की बात की थी। रोहित को छुट्टी दे दी गई। इसके बाद 30 सितंबर 2022 को दोबारा वीसी के पास कॉल आया। कॉलर ने खुद को वीसी बताकर उनसे मानवी सिंह नामक युवती को अंग्रेजी विभाग में नियुक्त करने का दबाव बनाया। शक होने पर वीसी ने एलजी सचिवालय से संपर्क किया। वहां से पता चला कि एलजी ने ऐसी कोई कॉल नहीं की। यह भी पता चला कि एलजी सचिवालय से कभी इस तरह की कॉल किसी को नहीं की गई। बाद में मामले को बहुत गंभीरता से लेते हुए वीसी की ओर से द्वारका नॉर्थ थाने में एक शिकायत दी गई। पुलिस ने धोखाधड़ी, आईटी एक्ट समेत दूसरी धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा
मामला दर्ज कर द्वारका पुलिस ने वीसी ऑफिस के लैंड लाइन नंबर के सीडीआर निकलवाए। जांच में पता चला कि दोनों कॉल यूके के एक नंबर से किए गए थे। इसके बाद पुलिस ने उस कैंडिडेट के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई, जिसके लिए सिफारिश की गई थी। जांच में पता चला कि यूके के जिस नंबर से वीसी को कॉल की गई थी वह मानवी सिंह और उसके पिता राजपाल के संपर्क में था। पुलिस ने दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि कॉल करने वाला कोई और नहीं बल्कि मानवी का भाई है, जो फिलहाल उच्च शिक्षा के लिए यूके गया है। वह खुद जीजीएसआईपी यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर है। पुलिस ने आरोपी को एक दिन की रिमांड लेकर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

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