- कुल्लू के अखाड़ा बाजार में जामा मस्जिद को लेकर पनपे विवाद के बीच प्रशासन दस्तावेज लेकर मीडिया के सामने आया है।
- एसडीएम कुल्लू ने इस मस्जिद को लेकर दस्तावेज मीडिया के समक्ष रखे हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि मस्जिद को अवैध कहना गलत है,
- क्योंकि यह जगह वक्फ बोर्ड के नाम रिकाॅर्ड में अंकित है और यह कोई आज का रिकाॅर्ड नहीं बल्कि पंजाब सरकार के जमाने का है जब जिला कांगड़ा और कुल्लू तहसील हुआ करती थी।
- आजादी के पहले से यह जगह रिकाॅर्ड में दर्ज है,उन्होंने कहा कि 1970 के सरकार के गजिट में भी यह जगह एंटर है।
कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ हफ्तों से मस्जिदों को लेकर अलग-अलग जिलों में बवाल मचा हुआ है, शिमला और मंडी के बाद अब कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित जामा मस्जिद को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा विरोध किया जा रहा है. दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों द्वारा हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक मस्जिद के अनधिकृत होने का दावा करते हुए उसके खिलाफ विरोध मार्च निकालने के दो सप्ताह से अधिक समय बाद,
मस्जिद अनुमति से तैयार की गई
कुल्लू प्रशासन ने रविवार को स्पष्ट किया कि यह मस्जिद अवैध नहीं है. कुल्लू के एसडीएम विकास शुक्ला ने कहा कि कुल्लू के अखाड़ा बाजार में स्थित जामा मस्जिद का स्वामित्व पंजाब वक्फ बोर्ड के पास है। शुक्ला ने कहा, ‘यह मस्जिद अनुमति से तैयार की गई है.’
एसडीएम ने कहा, ‘मस्जिद का क्षेत्रफल 980 वर्गमीटर है, जिसमें से हमें मस्जिद के निर्माण में मूल नक्शों से लगभग 150 वर्गमीटर का छोटा सा अंतर मिला. वक्फ ने इस अंतर को नियमित करने का अनुरोध किया है. हमने इस अनुरोध को शिमला में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डायरेक्टर को भेज दिया है.” उन्होंने कहा, “मस्जिद की संरचना स्थिर और सुरक्षित है। इससे कोई खतरा नहीं।
एसडीएम ने कहा कि राजस्व में गिरदावरी से लेकर अन्य तमामा रिकॉर्ड में यह जगह दर्ज है. 1999 में यहां मस्जिद निर्माण के लिए टीपीसी से अनुमति मांगी गई थी, जो 2003 तक वैध था. इसमें ग्राउंड के अलावा 3 मंजिला नक्शा शामिल था. एसडीएम ने 30 सितंबर को होने वाले प्रदर्शन को लेकर कहा कि वे अपनी बात को शांतिपूर्ण तरीके से सामने रखें और शांति बनाए रखें. मस्जिद को अवैध बताकर 30 सितंबर को हिंदूवादी संगठनों ने प्रदर्शन का ऐलान किया है।।
विभिन्न संगठनों के साथ की बैठक
मस्जिद को अवैध बताकर 30 सितम्बर को हिन्दूवादी संगठनों ने प्रदर्शन का ऐलान किया है, जिसके चलते कानून व्यवस्था बनाए रखने की दृष्टि से और माहौल खराब न हो इसको लेक प्रशासन ने कुल्लू के विभिन्न संगठनों व्यापार मंडल, टैक्सी यूनियन, ट्रक यूनियन, नगर परिषद, देवी-देवता कारदार संघ, जामा मस्जिद के मौलाना सहित दर्जनों संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें सभी संगठनों के लोगों ने अपने-अपने सुझाव दिए।