दुनिया में ऐसा किरदार कहां मिलता है!

हमास ने पांच दिन पहले इजरायल की तीन महिला बंधकों को छोड़ा था और आज फिर चार महिला बंधकों को ♥️ रेड क्रॉस के सपुर्द किया जा रहा है जो बिल्कुल स्वस्थ, हंसते बोलते, जमा लोगों का अभिवादन स्वीकार करते और अपनी मुक्ति पर खुशी मनते हुए गाजा से रुखसत हुई हैं। और स्वैप रेशियों के अनुसार उनके बदले में इजरायल फिलिस्तीन के एक सौ बीस कैदी छोड़ेगा। जो इजरायल की जेलों में बंद थे और वहां हर तरह की प्रताड़ना से रहे थे ।उम्मीद है कि इस आदान प्रदान के बाद और बंधकों और कैदियों की रिहाई के बाद इसराइल और फलस्तीन के बीच में पूर्ण रूप से जंग बंदी हो जाएगी और तीनों चरण की जो शर्तें रखी गई थी उनपर दोनो पक्ष अमल दरामद करेगें। और गाजा का निर्माण दोबारा से शुरू हो जाएगा । इस सब में सबसे आश्चर्य जनक बात यह है कि इजरायल जिन कैदियों को रिहा कर रहा है वह इजरायल की जेलों में बंद थे और उनको इस जंग का कोई खतरा नहीं था जबकि जो बंधक हमास के पास थे उनको इजरायल की वहशियाना बमबारी जान का पूरा खतरा था। अब बंधकों की इस जंग में हिफाजत और उनके स्वास्थ्य का खयाल रखना और फिलिस्तीन के नागरिकों को भूखा प्यासा रख कर इजरायल की फौज की तड़पा तड़पा कर मारने की कोशिश के बीच इन बंधकों की सही सलीम रिहाई आश्चर्य चकित करती है वह भी 471 दिन इजरायल से लड़ाई के बाद जो हर तरफ आग बरसाने के अलावा कार्पेट बॉम्बिंग कर रहा था। इन सब हालात के बीच इन बंधकों को सही और स्वस्थ हालत में वापस करना यह हमास और फलस्तीन के लोगों का आला किरदार का पर्यायवाची है और मोहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम व सहाबा किराम के तरीकों को प्रदर्शित करता है। कि इजरायल के इस पागलपन के बीच भी किस तरह से अपने खिलाफ लड़ने वालों लोगो की जंग के दौरान भी कैसे हिफाजत की जाती हैं । और किस तरह से अपने लोगों के शहादत के इस ज़ालिम यहूदी गवर्नमेंट को मायदे के तहत बंधकों को वापस किया जाता है। यह सब अपने आप इस्लाम के आदर्श और मुसलमानों के आला किरदार को प्रदर्शित करता है। यह ज़ालिम यहूदी गवर्नमेंट मानवाधिकार का कितना दावा कर ले और अपनी झूठी सुरक्षा के लिए दुनिया के सामने कितना झूठा ढिंढोरा पीट ले उन निहत्थे फिलस्तीनियों की आह ओ बका खाली नहीं जाएगी और यह ज़ालिम हुकूमत रुसवा और नामुराद होगी क्योंकि जुल्म की टहनी कभी फलती नहीं और नाव कागज़ की कभी चलती नहीं। इंसाफ इंशा अल्लाह यहीं होगा और जल्द होगा।

खुर्शीद अहमद सिद्दीकी 37 प्रीति एनक्लेव माजरा देहरादून उत्तराखंड।

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