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बेगूसराय में कर्मियों के चहेते पारा विधिक स्वयंसेवकों को मिल रहा काम

जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव के नजदीकी पीएलवी बल्ले-बल्ले

बेगूसराय। सिविल कोर्ट परिसर अवस्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकार में इन दिनों व्यापक रुप से धांधली मची है। हाल है जिले के विभिन्न इलाकों में तैनात पारा विधिक स्वयंसेवकों की। जो न्यायिक अंग बनकर भी अपनी पीडा को ना कर्मियों के समक्ष बयान कर सकता है, ना अपने सचिव और अध्यक्ष को पीडा सुना सकता है। आपको बता दूं कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार बेगूसराय की ओर से एक सौ पारा विधिक स्वयंसेवक की बहाली हुई है। जिसमें से कुछ पीएलवी कार्यालय कर्मी के चहेते हैं तो कुछ जिला एवं सत्र न्यायाधीश यानी अध्यक्ष और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव के नजदीकी हैं, जिसे नियमित रुप से काम मिल रहा है। चाहे वह फ्रंट अॉफिस में ड्युटी हो या लोक अदालत याफिर अन्य कार्य क्यों नहीं हो, उसमें चहेते पीएलवी ही लगाए जाते हैं। रही साक्ष्य की बात तो हाथ कंगन आरसी क्या, बिना सरकारी रिकॉर्ड का तो ड्युटी मिलती ही नहीं होगी, उस रिकॉर्ड का भी अवलोकन किया जा सकता है। ऐसी हालात में बांकी पीएलवी कार्यालय का चक्कर लगाते रह जाते हैं। पता चलता है कि बिना काम किए ही उनका एक साल का कार्यकाल समाप्त हो गया। दूसरी तरफ अगर भूलवश भी अन्य पीएलवी की ड्युटी लगाई जाती है, तो वह मजदूरी के लिए ललायित रहते हैं। उसे यह कहकर दिलासा दिलाया जाता है, कि अभी जज साहब दस्तखत नहीं किए हैं या बालसा द्वारा अभी रुपया नहीं भेजा गया है। इस संबंध में कई सचिव से शिकायत की गई तो उन्होंने हरेक पीएलवी को सीरियल रुप से काम देने की बात कही, लेकिन सबकी बात ढाक की तीन पात निकली। दूसरी तरफ इसकी शिकायत लेकर जब-जब जिला जज से मिलने की कोशिश की गई तब-तब उन्हें व्यस्तता होने की बात कहकर लौटा दिया गया। हालांकि जिला जज के मोबाइल फोन पर संपर्क कर शिकायत करने की कोशिश की तो उन्होंने भी कोई रिपांस नहीं निकला। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा था पीएलवी में हनुमान की ताकत है। लेकिन आज उनकी कहावत भी झूठी निकली है।

चंद्रकीशोर पासवान की रिपोर्ट

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