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टेस्ट में कम नंबर आने से दो और छात्रों ने की आत्महत्या, तो DM ने दो महीने तक टेस्ट पर लगाई रोक….

कोटा में स्टूडेंट्स के आत्महत्या का सिलसिला थम ही नहीं रहा है। पढ़ाई के प्रेशर में स्टूडेंट्स यहां लगातार जान दे रहे हैं।

वही बीते दिन रविवार को भी दो स्टूडेंट्स ने टेस्ट सीरीज में कम नंबर आने से तंग आकर आत्महत्या कर लिया।

कोटा जिला कलेक्टर ने कोटा के सभी कोचिंग इंस्टिट्यूट में विद्यार्थियों के समय-समय पर लिए जाने वाले टेस्ट और परीक्षाओं पर अगले दो महीने तक रोक लगा दी है। बच्चों के मानसिक सम्मेलन और सुरक्षा की व्यवस्था के तहत यह फैसला लिया गया है।

इस दौरान एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया ने बताया कि रविवार दोपहर को करीब 3 बजे लातूर के रहने वाले आविष्कार संभाजी कासले ने अपने कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर लिया।

इसके बाद रात सात बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क एरिया में रहने वाला कोचिंग छात्र आदर्श अपने कमरे में फंदे से लटका मिला। आदर्श बिहार के रोहतास जिले का रहने वाला था। स्टूडेंट नीट की तैयारी के लिए चार महीने पहले ही कोटा आया था।

बता दें कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने 12 अगस्त को गाइडलाइन जारी कर कोचिंग संचालकों को सख्त हिदायत दी थी कि संडे के दिन कोई टेस्ट नहीं करवाएं जाएं। इसके बावजूद भी टेस्ट को लेकर रविवार के दिन ही दो छात्रों के आत्महत्या के मामले सामने आए हैं। घटना के बाद कलेक्टर ओपी बुनकर ने रविवार रात को आदेश जारी किए हैं।

इन आदेशों के अनुसार अब कोई भी कोचिंग संस्थान दो महीने तक बच्चों के कोचिंग टेस्ट नहीं लेगा। दो आत्महत्या एक दिन में होने और टेस्ट में नंबर कम आने से परेशान होने की बात सामने आने के बाद कलेक्टर ने यह आदेश जारी किए है।

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