Big Breaking: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी छोड़ा इस्लाम धर्म- बने हरबीर सिंह त्यागी….

  • उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी आज हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया।
  • नरसिंहानंद गिरि महाराज के माध्यम से उन्होंने सनातन धर्म अपनाया और अब वह वसीम रिजवी से अब हरबीर नारायण सिंह त्यागी हो गए हैं।

गाजियाबाद

: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी इस्लाम छोड़ आज से सनातन संस्कृति अपना लिया है. गाजियाबाद के डासना मंदिर में यति नरसिंहानंद सरस्वती ने पूरी रस्म के साथ उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया. वसीम ने बाबरी विध्वंस के बरसी के दिन इस्लाम धर्म को त्याग दिया.

हिंदुत्व के लिए करेंगे काम

सनातन धर्म में शामिल होने के बाद हरबीर नारायण सिंह त्यागी बने रिजवी ने कहा कि मुगलों की हमेशा से परंपरा रही है हिंदुओं को हराओ. जो पार्टी हिंदुओं को हराती है मुसलमान एकजुट होकर उसे वोट करते हैं. मुसलमान सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं को हराने के लिए वोट करता है. आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे

विवादों में क्यों रहा वसीम रिजवी

पैगंबर मोहम्मद साहब की जिंदगी पर किताब लिख कर वसीम रिजवी ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. रिजवी ने गाजियाबाद के डासना के महाकाली मंदिर में दर्शन करने के बाद महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती से अपनी विवादित किताब ‘मोहम्मद’ का विमोचन कराया था. उनका दावा है कि ‘इस्लाम दुनिया में क्यों आया और इतना आतंकवादी विचार क्यों रखता है?’ इसी बात को यह किताब उजागर करती है. इसके अलावा उनका दावा है कि ये किताब पैगंबर मोहम्मद साहब के चरित्र को भी उजागर करती है.

कुरान की 26 आयतें हटाने की वकालत

उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे वसीम रिजवी हमेशा से ही इस्लाम के खिलाफ बोलकर चर्चा में रहे हैं. वसीम रिजवी कुरान की आयतें हटाने की याचिका से भी विवादों में रहे थे. उन्होंने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका तर्क था कि कुरान की 26 आयतें आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली हैं. मामला काफी दिनों तक चर्चा में रहा था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था. शीर्ष कोर्ट ने रिजवी पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था. इसके अलावा भी कई मर्तबा रिजवी अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहे हैं.

हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार

बता दें कि पिछले ही दिनों वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत सार्वजनिक की थी. इसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए और उनके शरीर को जलाया जाए. वसीम रिजवी ने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें. वसीम रिजवी ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा. इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए.

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