भीमताल के पर्यटन का अस्तित्‍व खतरे मे, नही हुई झील की सफाई…..

कभी नैनीताल जिले को लेक डिस्ट्रिक्ट के रूप में जाना जाता था। तब जिले में पांच दर्जन से अधिक झीलें थी। लेकिन शासन-प्रशासन की उपेक्षा के कारण इनके अस्तित्‍व पर संकट खड़ा हो गया है । कई दशकों से झीलों की साफ-सफाई नहीं हो सकी है। भीमताल झील भी उन्‍हीं उपेक्षित झीलों में शामिल है। इस झील में 1998 में दशम वित्त आयोग से डिसिल्टेशन का काम कराया गया था। तब से झील की सफाई के लिए ना ही सिंचाई विभाग के पास कोई योजना है और ना ही शासन से इसकी सुध ली गई है। अब तो इसके स्रोतों पर भी संकट मंडराने लगा है। 

सात साल पहले सिंचाई विभाग ने नैनीताल जिले की सभी झीलों में काम करने के लिये ट्रिपल आर (रिपेयर, रेनोवेशन और रेस्टोरेशन) योजना के तहत करीब 14 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर केन्द्रीय जल संस्थान मंत्रालय को भेजा था। इस प्रस्ताव पर एक दर्जन से अधिक आपत्तियां समय-समय से केन्द्रीय जल संस्थान मंत्रालय के द्वारा दर्ज कराई गईं। प्रदेश सरकार ने एक-एक कर सबका निस्तारण किया। पर अंत में विभाग ने किसी भी झील के लिये धन देने से मना कर दिया। 

नतीजा ये हुआ कि ओखलकांडा, सातताल और भीमताल में झील के लिए जो काम शुरू हुआ था वह भी थम गया। अब हालत यह है कि पिछले 24 वर्ष में भीमताल झील के आस पास आबादी दस गुना से भी अधिक बढ़ गयी है, पर झील की सफाई की योजना पर आज तक कोई विचार नहीं हो सका है। वहीं भीमताल के थाने वाली दिशा से गर्मियों में जब झील का पानी भी हल्द्वानी के लिये नहीं खोला जाता है, तब भी जलस्‍तर काफी गिर जाता है। इधर स्थानीय लोंगों की माने तो भीमताल में झील को लेकर ही पर्यटन है, ऐसे में झील में सफाई योजना तुरंत स्वीकृत होनी चाहिए।

झील के जलस्रोतों पर भी पड़ने लगा असर 

झील की सफाई नहीं होने के कारण अब इसका असर इसके स्रोतों पर भी दिखाई देने लगा है। कैंचुला देवी मंदिर के समीप स्थानीय लोंगों के मुताबिक दो जल स्रोत हैं।2014 में जब झील वहां तक सूख गई थी, तब इसके जल स्रोत में पानी कम हो गया था। इसके मुख्य स्रोत कुंआताल नाले के मुहाने में तो नाले की गहराई से अधिक ऊंची मलबे आदि का ढेर लग गया है।

जानिए क्‍या कहते हैं लोग 

फराहा खान संस्थापक हिमालय जन सेवा फाउंडेशन ने बताया कि झील की सफाई के लिये एक बड़ी योजना की नितांत आवश्यकता है। ऐसे में छोटे-छोटे सफाई अभियान चलाकर ऊपर दिखने वाली गंदगी को तो साफ किया जा सकता है पर जो झील के तल में हर वर्ष कई फुट जमा हो रही है, उसके लिये तकनीकी टीम के साथ-साथ एक योजना होनी चाहिये। वहीं मनोज भट्ट अध्यक्ष भागीरथी फाउंडेशन ने कहा कि वास्तव में झील की दशा बहुत खराब है। इसकी सफाई के लिए व्‍यापक स्‍तर पर योजना बनानी होगी। सौरभ रौतेला अध्यक्ष व्यापार मंडल ने कहा कि भीमताल के पर्यटन का मुख्य केन्द्र झील है। इसकी सफाई की मांग व्यापार मंडल कई बार कर चुका है। पर विभागीय और प्रशासनिक उदासीनता के कारण बीस वर्ष से कोई योजना नहीं बन सकी। 

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