रविवार की सुबह महज़ एक आम दिन की तरह शुरू हुई थी। किशनपुर की रहने वाली 62 वर्षीय कौशल्या देवी रोज़ की तरह मंदिर जाने निकली थीं — लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके साथ कुछ ऐसा होगा जो उनकी ज़िंदगी ही बदल देगा।
सुबह करीब चार बजे जब गली सुनसान थी, तभी अचानक रॉटविलर नस्ल के दो खूंखार कुत्तों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया। चीख-पुकार मची, लोग दौड़े, किसी तरह उन्हें बचाया गया। इस वक़्त कौशल्या देवी गंभीर हालत में श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है।
इस हमले के बाद कौशल्या देवी के बेटे, उमंग निर्वाल, ने थरथराते हाथों से शिकायत दर्ज करवाई। पहले कहा गया कि ये कुत्ते मोहम्मद जैद के हैं, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ी, एक चौंकाने वाला सच सामने आया।
जांच में खुलासा हुआ कि ये जानवर असल में नफीस अहमद के थे, जो न केवल उनका मालिक है, बल्कि उसने तीन साल पहले ये कुत्ते जैद से खरीदे थे। इतना ही नहीं — नफीस के पास इन खतरनाक कुत्तों को पालने का कोई लाइसेंस भी नहीं था।
अब पुलिस ने नफीस अहमद को गिरफ्तार कर लिया है। थाने में उससे पूछताछ हो रही है, जबकि कौशल्या देवी अस्पताल में ज़िंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं।
यह सिर्फ एक हादसा नहीं — बल्कि एक चेतावनी है। जानवरों को पालना जिम्मेदारी है, शौक नहीं। और जब यह जिम्मेदारी कोई नहीं निभाता, तो उसकी कीमत किसी मासूम को अपनी जान से चुकानी पड़ती है।