राहुल गांधी ने आज 5 जुलाई 2025 को प्रवक्ता के रूप में ट्वीट करके केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा “पीयूष गोयल चाहे जितना सीना ठोक लें, मेरी बात लिख लीजिए, मोदी ट्रंप की टैरिफ डेडलाइन के सामने चुपचाप झुक जाएंगे।”
अमेरिका ने 9 जुलाई तक सीमा शुल्क रियायत (tariff relief) की अवधि दी है — अगर तब तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो 26% टैरिफ लागू हो जाएगा
- पीयूष गोयल सख्त रुख पर अड़े हुए हैं — उन्होंने कहा है कि “भारत किसी भी डेडलाइन के दबाव में नहीं झुकेगा” और सिर्फ तभी समझौता होगा, जब यह “दोनों के हित में” होगा
- विश्वसनीय खबरों की रिपोर्ट सामने आई है कि एक संभावित interim trade deal 9 जुलाई तक हो सकता है, लेकिन कृषि, डेयरी, ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्र “खुलने को तैयार नहीं” हैं
उनका तर्क है कि मोदी–गोयल जितना भी “सीना ठोक लें”, लेकिन ट्रंप की डेडलाइन के सामने मजबूरी में झुकना पड़ेगा — मुफ्त में नहीं, दबाव के कारण
- उनकी यह टिप्पणी उस समय आई है जब तथाकथित “इंटरिम डील” की चर्चा गहमागहमी में है — विपक्ष इसे मोदी सरकार द्वारा अमेरिका के दबाव में काम न करने की पुरानी सोच का उल्लंघन मान रहा है।
कांग्रेस की नज़र में यह मुद्दा सिर्फ टैरिफ नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वाभिमान और विदेश नीति की मजबूती का मामला है।
विचार-विमर्श चल रहे हैं — भारत हाँ में नहीं, लेकिन फिर भी एक प्रकार की तेज़ी से आगे बढ़ने की मुद्रा में है।