सट्टे का अवैध कारोबार ज़ोरो पर! सरगना कुच्छल कैराना पुलिस की पकड़ से दूर….

कैराना। एक अनपेक्षित चौकाने वाला खुलासा नगर में सट्टे के अवैध कारोबार की गंदगी की परतों को उजागर कर रहा है। जहाँ एक तरफ युवा पीढ़ी सट्टेबाजी की लत में लिपटती जा रही है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय पुलिस की मौन सहमति का सवाल खड़ा हो गया है। क्या सच में पुलिस की चुप्पी धोखे की परछाई है?

सूत्रों का कहना है कि सट्टे का यह कारोबार लाला कुच्छल मेरठ से कर रहा है कण्ट्रोल, दरअसल नियम और कानून की धज्जियाँ उड़ाता हुआ एक सुनियोजित अपराध है। सड़क के कोने-कोने में, चाय की दुकानों से लेकर बड़े होटलों तक, सट्टा लगाने की रौनक बिखरी हुई है। लेकिन यहाँ सवाल ये है कि जब हर कोई देख रहा है, तो पुलिस की आंखें क्यों मुँद गई हैं?

पुलिस की अभिव्यक्ति और उनके तंत्र पर उठ रहे सवालों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को उजागर किया है। स्थानीय निवासी आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस ने इस अवैध सट्टे के कारोबार में भीख मांगने वाली खामोशी अपनाई है, जिससे यह गिरोह और भी ज्यादा मस्त है। क्या यह इसलिए है क्योंकि इस खेल में पैसे का कोई काला कारोबार छिपा है?

आवाम में आक्रोश है! सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तंत्र का पर्दाफाश करने की ठानी है। “पुलिस की यह चुप्पी हमें सोचने पर मजबूर करती है,” एक कार्यकर्ता ने कहा, “क्या वे इस अवैध कारोबार से जुड़े हैं?

विज्ञजनों का मानना है कि सट्टे के इस पर्याय ने एक नई अपराधिता को जन्म दिया है, जहाँ ना केवल युवा, बल्कि परिवार भी बर्बाद हो रहे हैं। अब तो स्थिति ये है कि जो भी इस धंधे में कदम रखता है, उसके लिए पुलिस का ठिकाना स्पष्ट है – या तो वो भी इस अंधेरे में डूब जाता है, या फिर असमान्य दवाब का शिकार हो जाता है।

अब समय आ गया है कि नागरिक अपने हक के लिए खड़े हों और इस कानून के रखवालों से सवाल पूछें। क्या सच्चाई अनमोल है, या फिर इस धंधे को बल देने वाले पैसों का जोर शोर है?

आवाम ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया है कि वे इस भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे और पुलिस तंत्र पर दबाव बनाएंगे। इस सट्टे के अवैध कारोबार की रिन्दों की मुलाकात को खत्म करना ही होगा—अब या फिर कभी नहीं!

Share
Now