बिना NEET 5, 5 लाख में बेच दी सीटें! अब आयुष कॉलेजों की जांच करेगी सीबीआई। पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी की…..

उत्तर प्रदेश में आयुष कॉलेजों में दाखिले की जांच अब CBI करेगी। बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आयुष कॉलेज में फर्जी तरीके से हुए एडमिशन की जांच CBI से कराने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी और तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की भूमिका संदिग्ध मिलने पर सख्त एक्शन लेने के भी आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के जस्टिस राजीव सिंह ने याचिकाकर्ता डॉ. रितु गर्ग को सशर्त जमानत देते हुए CBI जांच को यह आदेश दिए। बता दें कि पांच-पांच लाख रुपए में बिना NEET काउंसिलिंग कराए ही सीटें बेची गईं थी।

यूपी सरकार दो बार कर चुकी CBI जांच कराने की सिफारिश
नवंबर 2022 में आयुष कॉलेजों में घोटाले की बात सामने आई। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूरे मामले की जांच CBI से कराने की दो बार सिफारिश की जा चुकी है। CBI की तरफ से पूरे मामले में किसी प्रकार की आगे कार्रवाई नहीं की गई। फिलहाल, आयुष कॉलेजों में घोटाले को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब पूरे मामले की जांच CBI करेगी।

पूर्व मंत्री पर घूस लेने का आरोप, सचिव का बयान कोर्ट में हुआ दाखिल

तत्कालीन आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी के खिलाफ उनके निजी सचिव राज कुमार दिवाकर का बयान सबसे ज्यादा मुश्किलें बढ़ा सकता है। सचिव ने आरोप लगाया है कि आयुष में यूजी की मान्यता के लिए धर्म सिंह सैनी को 1 करोड़ 10 लाख और पीजी के लिए 50 लाख रुपए की घूस मिली है। सचिव का ये बयान भी कोर्ट में दाखिल हुआ है।

पूर्व आयुर्वेद निदेशक समेत 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट
आयुष कॉलेज में एडमिशन घोटाले की जांच यूपी एसटीएफ ने की थी। हाल ही में STF ने चार्जशीट दाखिल की थी। STF ने प्रो. एसएन सिंह (पूर्व निदेशक आयुर्वेद), डॉ. उमाकांत (पूर्व प्रभारी शिक्षा आयुर्वेद), राजेश सिंह (वरिष्ठ सहायक आयुर्वेद निदेशालय), कैलाश चंद भास्कर (कनिष्ठ सहायक आयुर्वेद निदेशालय), कुलदीप वर्मा, प्रबोध सिंह (एजीएम अपट्रान पावर ट्रॉनिक्स लिमिटेड), रुपेश श्रीवास्तव (तकनीकी सलाहकार अपट्रान पावर ट्रॉनिक्स लिमिटेड), गौरव गुप्ता (डायरेक्टर वी-3 सॉफ्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड), हर्षवर्धन तिवारी (डायरेक्टर टेक्नो ओसियन प्राइवेट लिमिटेड), सौरभ मौर्य (डायरेक्टर टेक्नो ओसियन प्राइवेट लिमिटेड), इंद्रदेव मिश्रा (डायरेक्टर रिमार्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड), रूपेश रंजन पांडेय (डायरेक्टर रिमार्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड), विजय यादव (चेयरपर्सन KVS इंस्टीट्यूट), धर्मेंद्र यादव (मैनेजर विजय आयुर्वेद) और आलोक त्रिवेदी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।

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