खड़गे के अध्यक्ष बनने से सोनिया गांधी नहीं, अशोक गहलोत हुए हैं रिलेक्स…

जयपुर

19 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिार्जुन खडग़े से मुलाकात के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया के समक्ष हंसते हुए कहा कि अब निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी बहुत रिलेक्स है। सोनिया गांधी रिलेक्स हैं या नहीं, यह तो गहलोत ही जाने, लेकिन गहलोत के हंसते हुए चेहरे से साफ जाहिर था कि वे स्वयं बहुत रिलेक्स हैं।

सब जानते हैं कि गांधी परिवार गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहता था। गहलोत के नामांकन भरने की तारीख भी घोषित हो गई थी, लेकिन नामांकन से दो दिन पहले 25 सितंबर को गहलोत ने जयपुर में जो बगावत की, उससे गांधी परिवार को गहलोत को कांग्रेस का अध्यक्ष बनने से रोकना पड़ा।

गहलोत अब भले ही गांधी परिवार के भरोसे के नहीं रहे हों, लेकिन उन्हें खुशी है कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। यही अशोक गहलोत चाहते थे। बदले हुए हालातों में गांधी परिवार से गहलोत के कैसे रिश्ते हैं, इसका अंदाजा गहलोत ने अपने फेसबुक पेज पर जो फोटो पोस्ट किए हैं उससे लगाया जा सकता है।

यह 19 अक्टूबर का तब का है, जब गहलोत और सोनिया गांधी, खडग़े को बधाई देने पहुंचे थे। इस फोटो से साफ प्रतीत होता है कि गहलोत से संवाद करने में सोनिया गांधी की कोई रुचि नहीं है। यह भी महत्वपूर्ण बात है कि 19 अक्टूबर को गहलोत दिन भर दिल्ली में रहे, लेकिन उनकी मुलाकात सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से नहीं हुई।

पिछले चार वर्ष में संभवत: यह पहला अवरस रहा होगा, जब दिन भर दिल्ली में रहने के बाद भी गहलोत की मुलाकात सोनिया गांधी से न हुई हो। ये वो ही अशोक गहलोत हैं जो गांधी परिवार से ईडी की पूछताछ के समय दिल्ली में ही डेरा डाले बैठे रहे। खडग़े के अध्यक्षबनने से अशोक गहलोत इसलिए भी रिलेक्स और खुश हैं कि अब उन्हें मुख्यमंत्री पद से कोई नहीं हटा सकता। जब गांधी परिवार ही नहीं हटा सका तो फिर खडग़े की क्या बिसात है?

राजस्थान में कांग्रेस विधायकों पर गांधी परवार का तो थोड़ा बहुत प्रभाव है, लेकिन खडग़े का तो बिलकुल भी नहीं है। गत 25 सितंबर को सोनिया गांधी के निर्देश पर खडग़े ही ऑब्र्जवर बन कर जयपुर आए थे, लेकिन तब अशोक गहलोत ने खडग़े के समक्ष कांग्रेस विधायकों की बैठक ही नहीं होने दी। खडग़े सीएम के सरकारी आवास पर विधायकों का इंतजार करते रहे और 92 विधायक गहलोत के सबसे भरोसे मंद मंत्री शांति धारीवाल के घर पर एकत्रित हो गए। राजनीति में ऐसा डबल रोल अशोक गहलोत जैसे राजनेता ही कर सकते हैं। खडग़े तो खुद अपनी आंखों से गहलोत की ताकत देख चुके हैं।

रिपोर्ट महबूब सिंधी

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