बर्मिंघम के एजबेस्टन में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज का दूसरा मुकाबला अब रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है। तीसरे दिन का खेल खत्म होते वक्त भारत ने अपनी दूसरी पारी में एक विकेट पर 64 रन बना लिए थे, और अब उसकी कुल बढ़त 244 रन हो गई है। पहली पारी में भारत ने जबरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए 587 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 407 रन पर ढेर हो गई। भारत को इस तरह पहली पारी में ही 180 रन की मजबूत बढ़त मिल गई। गेंदबाज़ी में सबसे ज़्यादा प्रभावित किया मोहम्मद सिराज ने, जिन्होंने 6 विकेट झटके और इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। वहीं डेब्यू कर रहे आकाश दीप ने भी 4 विकेट लेकर टीम इंडिया की स्थिति और मज़बूत कर दी।
सबसे दिलचस्प बात ये रही कि जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भी सिराज ने एक सीनियर तेज़ गेंदबाज़ की भूमिका बखूबी निभाई — बल्कि आंकड़े तो यही बताते हैं कि बुमराह के बिना उनका प्रदर्शन और निखर जाता है। बुमराह के साथ गेंदबाज़ी करते हुए सिराज का औसत 33.82 का रहा है, जबकि जब वो बिना बुमराह खेले हैं, तो उनका औसत गिरकर 25.20 हो गया है, यानी वह ज़्यादा असरदार रहे हैं। इस पारी में सिराज ने जो रूट, बेन स्टोक्स और जैक क्राउली जैसे बड़े नामों को भी आउट किया, जिससे साफ़ हो गया कि वो अकेले दम पर भी मैच का रुख मोड़ सकते हैं। बुमराह की जगह सिराज ने जो भरोसा दिलाया है, वह टीम इंडिया के लिए किसी जीत से कम नहीं।

बता दे की मोहम्मद सिराज जब अकेले जिम्मेदारी उठाते हैं, तो उनका प्रदर्शन और भी निखरकर सामने आता है। आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं। जब वो जसप्रीत बुमराह के साथ गेंदबाज़ी करते हैं, तब उनका गेंदबाज़ी औसत 33.82 का रहता है, लेकिन बुमराह की गैरमौजूदगी में वही औसत घटकर 25.21 हो जाता है — यानी सिराज कम रन देकर जल्दी विकेट निकालते हैं। विदेशी मैदानों पर भी कुछ ऐसा ही ट्रेंड देखा गया है। बुमराह के बिना बाहर की पिचों पर सिराज ने 13 पारियों में 23.3 की शानदार औसत से 30 विकेट चटकाए, जबकि बुमराह के साथ 32 पारियों में उनका औसत 32.4 रहा। ये आंकड़े बताते हैं कि जब टीम को उनकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, तब सिराज सबसे ज़्यादा खतरनाक साबित होते हैं।
वही शमी और बुमराह दोनों के बिना भी सिराज ने जिम्मेदारी बखूबी निभाई है। ऐसे 12 टेस्ट मैचों में उनका गेंदबाज़ी औसत केवल 22.27 रहा, जो उनके अब तक के करियर का सबसे बेहतरीन हिस्सा है। हाल ही में एजबेस्टन में खेले गए टेस्ट में उन्होंने 6 विकेट झटके और भारत को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया। इसी के साथ वे इस मैदान पर एक पारी में पांच या ज्यादा विकेट लेने वाले सिर्फ चौथे भारतीय गेंदबाज़ बन गए उनसे पहले यह कारनामा कपिल देव, चेतन शर्मा और ईशांत शर्मा कर चुके हैं।
रिपोर्ट:- कनक चौहान