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विपक्षी नेताओं के हैकिंग के दावों पर क्या बोले राहुल गांधी ?

जिन नेताओं ने यह शिकायत की है, उनमें तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा शामिल हैं। राहुल ने कहा, “हिंदुस्तान की राजनीति हमें समझ आ गई है। अदाणी जी बचकर नहीं निकल सकते। हमने अदाणी को ऐसा घेरा है कि वह बचकर नहीं निकल सकते। इसलिए ध्यान बंटाने की राजनीति हो रही है। कि देश की निगाह, विपक्ष की निगाह पिंजरे में बैठे हुए तोते की ओर न चली जाए।”
राहुल गांधी ने आगे कहा, “जितनी टैपिंग करनी हो कर लो। मुझे फर्क नहीं पड़ता। अगर आपको मेरा फोन चाहिए तो मैं अपना फोन दे देता हूं आपको। कम लोग लड़ रहे हैं इसके खिलाफ। लेकिन हम डरने वाले लोग नहीं हैं, लड़ने वाले लोग हैं। हम पीछे नहीं हटेंगे।

विपक्षी नेताओं के मोबाइल फोन में हैकिंग की कोशिश

विपक्ष के कई नेताओं ने दावा किया है कि उनके मोबाइल फोन में सरकार समर्थित हैकरों द्वारा हैकिंग की कोशिश की गई है। जिन नेताओं ने यह शिकायत की है, उनमें तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा शामिल हैं।

इन लोगों के अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि उन्हें भी इस तरह के मैसेज आए हैं। एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने भी बाद में इस तरह के आरोप लगाते हुए सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं। साफ छुपाते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।”

इस मामले पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “जिस तरह मुझे पिछली रात यह चेतावनी मिली, इससे साफ है कि यह केंद्र सरकार का प्रायोजित कार्यक्रम है और मुझे एहतियात बरतने होंगे। चेतावनी में साफ लिखा है कि यह हमले सरकार-प्रायोजित (स्टेट स्पॉन्सर्ड) की तरफ से हुए हैं। आखिर क्यों विपक्षी नेताओं को ही ऐसे मैसेज आए हैं। यह दिखाता है कि देश में बड़े स्तर पर निगरानी बिठाई गई है। इस मामले में जांच होनी चाहिए और सरकार को इस पर स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए।”

मोइत्रा ने भी कहा कि यह एक गंभीर मामला है और सरकार को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ना होगा। हम इस तरह की निगरानी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

थरूर ने कहा कि यह एक “बेहद गंभीर मामला” है और सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा है।”

खेड़ा ने भी कहा कि यह एक “गंभीर उल्लंघन” है और सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम इस तरह की निगरानी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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