रिपोर्ट हमजा राव
उत्तराखंड में निजी स्कूल इस साल फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सोमवार को शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम को इस मामले में कार्रवाई करने को कहा है।
दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। सोमवार को यमुना कॉलोनी स्थित कैंप आफिस में शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव के साथ चार महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और निर्देश दिए।
बैठक में मंत्री ने कहा कि,
लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद हैं। बाजार बंद होने से छात्रों को किताबें भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में पंचायत और निकाय प्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्र के बच्चों को चिह्नित कर उनके लिए किताबें लाने की छूट देने पर विचार किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि, जनप्रतिनिधि बाजार से किताब लाकर छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुहैया करा सकते हैं। शिक्षा सचिव को इस फार्मूले पर मुख्य सचिव के साथ बात करने को कहा गया।
फीस भुगतान पर निकालें फार्मूला…
कोरोना लॉकडाउन की वजह से प्राइवेट स्कूलों से तीन महीने तक फीस न लेने का आदेश दिया गया है। प्राइवेट स्कूलों का कहना है कि सरकार ने किसी भी कार्मिक की तनख्वाह नहीं रोकी हैं। जो लोग फीस देने में सक्षम हैं, उन्हें भुगतान की इजाजत दी जाए। शिक्षा सचिव को इस मांग के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के निर्देश दिए गए हैं।
हमने सरकार के आदेश से पहले ही फीस नहीं बढ़ाने का निर्णय ले लिया था, लेकिन सरकार ध्यान रखे कि निजी स्कूलों को जो फीस देना चाहते हैं, उन्हें देने दी जाए। इसके अलावा आरटीई का पूरा बकाया स्कूलों को मिलना चाहिए। निजी स्कूल हर तरह से सहयोग को तैयार हैं। बशर्ते सरकार भी हमारी मांगों को गम्भीरता से लें। -डॉ. प्रेम कश्यप, अध्यक्ष प्रिंसीपल प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन