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Uttarkhand: प्रदेश के लिए आज का दिन है बहुत अहम- अधिकारियों के साथ-साथ मंत्रियों में भी हो सकता है बड़ा फेरबदल…

सत्ता की कमान संभालने के बाद शुक्रवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने सचिवालय से बदलाव की शुरुआत कर सकते हैं। गुरुवार को आईएएस अधिकारी शैलेश बगोली को उनका सचिव बनाया गया है।

कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने बगोली को मुख्यमंत्री सचिव बनाए जाने का आदेश जारी किया है। अभी मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात सचिवों, अपर सचिवों की तैनाती में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि शुक्रवार को इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक में विचार-विमर्श किया जाएगा।  

मुख्यमंत्री की परिक्रमा में जुटे अफसर व नेता

मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनाती के लिए दावेदारों ने परिक्रमा करनी शुरू कर दी है। अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री तीरथ पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के कार्यकाल में तैनात रहे अधिकारियों व दर्जाधारियों को बनाए रखते हैं या उनके स्थान पर नए चेहरों को जगह देते हैं।

अपनी भूमिका के लिए नेताओं-अफसरों में मची खलबली

सूबे के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ताजपोशी के बाद तेज हुई अफसरशाही में बदलाव की चर्चाओं का बाजार गुरुवार को खूब गर्म रहा। महाशिवरात्रि की छुट्टी होने के बावजूद एक ओर जहां अफसर अपने तबादलों को लेकर चिंतित नजर आए तो वहीं कई नेता भी आरएसएस की शरण में हैं। हालांकि कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

तीरथ की ताजपोशी के बाद सोशल मीडिया में नौकरशाही के किस्से खूब चर्चाएं बटोर रहे हैं। शैलेश बगोली को सचिव मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद कई तरह की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है। कई चर्चित अफसरों को लेकर भी खूब चटखारे लिए जा रहे हैं।

तरह-तरह की बातें हो रही हैं। कौन हटेगा, कौन बचेगा कि चर्चाओं ने भी जोर पकड़ा हुआ है। उधर, नये निजाम में अपनी कुर्सी बचाने की बेचैनी जिलों में भी नजर आई। तमाम जिलों के आला अफसर राजधानी में बैठे संपर्कों से अपडेट लेते दिखे। हालांकि महाशिवरात्री का अवकाश होने के कारण शासन स्तर पर चहलकदमी कम दिखी, लेकिन शुक्रवार को काफी स्थिति साफ होने की उम्मीद है। 

सूत्रों के मुताबिक, कुछ नेता भी आरएसएस की शरण में पहुंच गए हैं। मंत्रिमंडल अलग से शपथ लेगा। नए मंत्रिमंडल में नए चेहरे कौन होंगे, इस पर रहस्य बना हुआ है। ऐसे में कई नेता आरएसएस के माध्यम से अपनी भूमिका बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी चर्चा है कि चूंकि कई जिले ऐसे हैं, जिनका लंबे समय से मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं रहा है।

पिछली सरकार में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत से कोई मंत्री नहीं था। लिहाजा, अब इसे लेकर भी कयासबाजी का दौर चल रहा है कि इन जिलों से कोई प्रतिनिधि मंत्रिमंडल में शामिल होगा या नहीं।

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