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उत्तराखंड सरकार का फैसला हर यात्री वाहन में लोकेशन डिवाइस लगानी जरूरी नहीं तो ₹5000 का होगा जुर्माना…..

यात्री वाहनों (सार्वजनिक सेवायान) में वीएलटी (व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग) डिवाइस लगाने से अब वाहन स्वामी कन्नी नहीं काट सकेंगे। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में वीएलटी डिवाइस लगाने को परमिट की शर्त में शामिल करने का निर्णय लिया गया।

यात्री वाहन में यह डिवाइस न लगाने पर पांच हजार रुपये का चालान किया जाएगा। सभी संभागीय परिवहन प्राधिकरणों को भी निर्देश जारी किए गए कि वे भी वीएलटी डिवाइस को परमिट की शर्त में शामिल करना सुनिश्चित करें।

24 हजार से अधिक वाहनों में डिवाइस लग चुकी

प्रदेश में हाल में ही यात्री वाहनों में वीएलटी डिवाइस लगाने की प्रक्रिया की शुरुआत की गई थी। अब तक 24 हजार से अधिक वाहनों में यह डिवाइस लग चुकी है। इस डिवाइस के माध्यम से ठीक उसी तरह अलर्ट मिलते हैं, जैसे पैनिक बटन से प्राप्त होते हैं।

एसटीए के एक अधिकारी के अनुसार ओवर स्पीड, गलत दिशा से ओवरटेक, बैटरी डाउन, वाहन की लोकेशन समेत कुल 14 प्रकार के अलर्ट इस डिवाइस से मिलते हैं। कहीं भी नियम का उल्लंघन होने पर वाहन संचालक को मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से अलर्ट जाता है। कमी दूर करने के लिए 24 से 72 घंटे का समय दिया जाता है। यदि इस अवधि में वह कोई कदम नहीं उठाता है तो उसे चेतावनी जारी होती है। इसके बाद चालान की कार्रवाई की जाती है।

निर्णय लिया गया कि एसटीए की बैठक का कार्यवृत्त जारी होने के 30 दिन के भीतर यात्री वाहन में वीएलटी डिवाइस लगाने को परमिट की शर्त का हिस्सा बना दिया जाएगा। सभी आरटीए से कहा गया कि वे भी अपने यहां से जारी होने वाले सभी प्रकार के यात्री वाहनों के परमिट की शर्त में इसे शामिल करें। तय किया गया कि वीएलटी डिवाइस से संबंधित मामले की नियमित रूप से मानीटरिंग की जाएगी।

केंद्र की योजना करेंगे अंगीकृत
रेंट ए कैब योजना में लाइसेंस के लिए आए एक आवेदन के संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार की इस योजना को उत्तराखंड भी अंगीकृत किया जाएगा। इससे राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे और राजस्व में भी वृद्धि होगी।

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