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Uttar Pradesh: बंदरों ने तोड़े इलेक्‍शन कंट्रोल रूम के आसपास लगे 34 CCTV कैमरे, चुनाव अधिकारियों….

उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर वैसे तो कई वाकये सामने आ रहे हैं, लेकन यह खबर सुनकर आप भी भौंचक्‍के रह जाएंगे. पीलीभीत मंडी समिति में बने चुनाव नियंत्रण कक्ष के आसपास सुरक्षा के लिहाज से 52 CCTV कैमरे इंस्‍टॉल किए गए थे. चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारियों ने इनमें से 34 को क्षतिग्रस्‍त पाया तो उनके होश उड़ गए.

शुरुआत में उनको लगा कि यह काम किसी राजनीतिक दल के नेताओं-कार्यकर्ताओं का होगा. इसको लेकर चुनाव आयोग से शिकायत करने की तैयारी भी कर ली गई थी. शिकायत करने से पहले जब मामले की छानबीन की गई तो उन्‍हें पता चला कि यह उत्‍पात तो बंदरों ने मचाया है. दरअसल, बंदरों के एक समूह ने मंडी समिति में बने कंट्रोल रूम पर धावा बोल दिया और कैमरों को क्षतिग्रस्‍त कर दिया. यहां EVM और VVPAT मशीन रखे गए हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीलीभीत के ADM ने बताया कि मंडी समिति में बनाए गए चुनाव नियंत्रण के आसपास 52 सीसीटीवे कैमरे लगाए गए थे. एक सीसीटीवी कैमरे की कीमत 2,500 रुपये थी. उन्‍होंने बताया कि मंडी परिसर में EVM और VVPAT मशीन को रखने के लिए स्‍ट्रांग रूम बनाया गया है. इसकी सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. बंदरों ने 52 में से 34 कैमरों को क्षतिग्रस्‍त कर दिया है.

एडीएम ने बताया कि बंदरों को मंडी परिसर से दूर रखने के लिए अब तीन टीमों को तैनात किया गया है. एक टीम में 9 सदस्‍य हैं. टीम ने अभी तक 7 बंदरों को पकड़ा है. उन्‍होंने बताया कि इसके अलावा 25 सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं. एडीएम ने बताया कि ईवीएम और वीवीपैट मशीन अलग रूम में रखे हुए थे और उन्‍हें किसी तरह की क्षति नहीं पहुंची है.

पीलीभीत के एडीएम ने बताया कि क्षतिग्रस्‍त सीसीटीवी कैमरों की जगह नए कैमरे लगाए जा चुके हैं. CCTV कैमरे और कॉर्ड को बचाने के लिए उसपर ग्रीस लगाया दिया गया है, ताकि बंदर उन्‍हें नुकसान न पहुंचा सकें. मंडी परिसर में चुनाव नियंत्रण कक्ष और स्‍ट्रांग रूम के आसपास तैनात वन विभाग की टीम के प्रमुख ने बताया कि प्रत्‍येक टीम की जिम्‍मेदारी एक डिप्‍टी रेंज ऑफिसर को सौंपी गई है. इसके अलावा एक फॉरेस्‍ट इंस्‍पेक्‍टर और एक फॉरेस्‍ट गार्ड को भी तैनात किया गया है. इनके अलावा 6 अन्‍य वन्‍यकर्मियों को भी ड्यूटी पर लगाया गया है. टीम का काम न केवल बंदरों को मंडी परिसर से दूर रखना है, बल्कि उन्‍हें पकड़ कर जंगलों में छोड़ना भी है.

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