UP; पंचायत चुनाव हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब पलट जाएगी पूरी तस्वीर- दावेदारों के लिए…

  • उत्तर प्रदेश में होने जा रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है।
  • हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में आज यूपी सरकार को अपना पक्ष रखना था, लेकिन कोर्ट की तरफ से सरकार बड़ा झटका मिला है।
  • हाईकोर्ट ने साफ़ किया है कि, प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए जारी की गई आरक्षण प्रणाली नहीं चलेगी,
  • बल्कि वर्ष 2015 को आधार मानकर ही आरक्षण सूची जारी की जाए।

लखनऊ:पंचायत आरक्षण लिस्ट को लेकर सोमवार को आए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद कई दावेदारों को बड़ा झटका लगा है।  दावेदारों के  यहां सन्नाटा सा छा गया। सबसे ज्यादा वह उम्मीदवार मायूस हुए हैं जिन्होंने पोस्टर, बैनर छपवाकर प्रचार-प्रसार तक करना शुरू कर दिया था, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद सभी की उम्मीदों पर पानी फिर गया। उन्हें नई आरक्षण लिस्ट का इंतजार करना होगा। उधर दूसरी ओर अधिकारी भी नई आरक्षण सूची जारी करने को लेकर परेशान दिखे। अधिकारी पंचायत चुनाव को लेकर शासन की ओर से जारी गाइडलाइन का इंतजार कर रहे हैं।

पूरी तरह बदल जाएगी आरक्षण सूची 


जिला पंचायत चुनाव का प्रस्तावित आरक्षण अब कोर्ट के आदेश से बदला जाएगा। डीपीआरओ विभाग द्वारा वर्ष रोटेशन के आधार पर आरक्षण निर्धारित किया था। अब कोर्ट ने वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिया है। कोर्ट के इस आदेश पर डीपीआरओ विभाग द्वारा तैयार किया गया आरक्षण अब पूरी तरह से बदल जाएगा। मुजफ्फरनगर पंचायत राज विभाग का कहना है यदि एक सीट का आरक्षण बदलता है तो उसका असर 6 सीटों पर पड़ता है। इस तरह से जो आरक्षण सूची जारी की गई है वह अब पूरी तरह से बदल जाएगी। हाईकोर्ट में वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश पर जिले में पूर्व में तैयार किया गया आरक्षण अब पूरी तरह से बदल जाएगा। बुलंदशहर पंचायत राज विभाग के डीपीआरओ नंदराम का कहना है कि पूर्व में जारी ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत का आरक्षण लिस्ट अब नए सिरे से तैयार होगी।

2015 को आरक्षण का बेस मानकर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला


हाईकोर्ट ने अजय कुमार की तरफ से दाखिल याचिका पर फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग से कहा कि 2015 को आरक्षण का बेस वर्ष मानकर काम पूरा किया जाए। इससे पहले राज्य सरकार ने अदालत में कहा कि वह 2015 को आधार वर्ष मानकर त्रिस्तरीय चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने को तैयार है। कोर्ट ने पंचायत चुनाव को 25 मई तक पूरा करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि 27 मार्च तक आरक्षण लिस्ट भी फाइनल हो जाना चाहिए। अजय कुमार ने राज्य सरकार के 11 फरवरी 2011 के शासनादेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि इस बार की आरक्षण सूची 1995 के आधार पर जारी की जा रही है, जबकि 2015 को आधार वर्ष बनाकर आरक्षण सूची जारी की जानी चाहिए। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अंतिम आरक्षण सूची जारी किए जाने पर रोक लगा दी थी।

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