सावी चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश पारीक की अनूठी पहल- बहनों को घर-घर भेजी जा रही है राखी... - Express News Bharat
September 24, 2023

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सावी चेरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश पारीक की अनूठी पहल- बहनों को घर-घर भेजी जा रही है राखी…

जयपुर,। पंद्रह दिन बाद यानी 30 अगस्त को राखी का पावन पर्व है। इस दिन बहने अपनी रक्षा के लिए भाई की कलाइयों पर राखी बांध कर अपनी रक्षा और भाई की दीर्घायू की कामना करती हैं। महिला सुरक्षा और महिलाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए जयपुर के सावी चेरिेटबल ट्रस्ट ने घर-घर राखी भेजने की यह अनूठी पहल की है।

इस पहल के तहत सावी चेरिटेबल ट्रस्ट टीम द्वारा घर-घर राखी भेज कर महिलाओं को बहन की तरह हर तरह की सुरक्षा देने का वचन दिया जा रहा है।

इस बारे में कांग्रेस के नेता एवं सावी चेरिटबल ट्रस्ट के अध्यक्ष गिरीश पारीक ने मीडिया को बताया कि हम राखी भेज कर हर महिला को यह संदेश देना चाहते हैं कि वे इस रक्षा सूत्र के माध्यम से हर तरह से सुरक्षित है। अपनी किसी भी मुसीबत में वे अपने इस भाई गिरीश को याद कर सकती है।

श्री पारीक ने बताया कि रक्षाबंधन भारतीय त्योहारों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस त्योहार को मनाने की शुरुआत कब हुई, यह कहना कठिन है। हिन्दू धर्मग्रंथों के पन्नों को देखें तो इस त्योहार की शुरुआत छह हजार साल से भी पहले होने के स्पष्ट प्रमाण मिलते हैं।

श्री पारीक ने बताया कि उन्होंने हर राखी के पेकेट पर अपना मोबाइल फोन नम्बर दिया है ताकि मुसीबत या किसी अन्य संकट के समय वे उन्हें फोन कर सकती है। श्री पारीक यह राखियां अपने विधानसभा श्रेत्र के हर घर में अपनी टीम के माध्यम से भेज रहे हैं। वे चाहते हैं कि वे हर महिला का भाई बन कर उनकी हर संभव सहायता करें।

गौरतलब है कि राजस्थान में राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनके माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती थी। इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हें विजयश्री के साथ वापस ले आएगा। माना जाता है कि मेवाड़ को सुल्तान बहादुर शाह से बचाने के लिए चितौड़गढ़ की रानी कर्णावती ने हुमायूं को राखी भेजी थी। तब हुमायूं ने भी उन्हें बहन का दर्जा देकर उनकी जान बचाई थी।

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