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उमर खालिद का भाषण आपत्तिजनक , लेकिन इसे आतंकवादी कृत्य नहीं ठहराया जा सकता’, दिल्ली हाई कोर्ट…

Umar Khalid News: जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि यदि दिल्ली पुलिस का मामला इस बात पर आधारित है कि भाषण कितना आक्रामक था, तो यह अपने आप में एक अपराध नहीं होगा।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद द्वारा महाराष्ट्र के अमरावती में दिया गया भाषण अनुचित व अरुचिकर था, लेकिन यह इसे आतंकवादी कृत्य नहीं बनाता है। अदालत ने दिल्ली हिंसा की साजिश के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार खालिद द्वारा अमरवती में दिए गए भाषण के तथ्यों पर गौर करने के बाद यह टिप्पणी की है। उच्च न्यायालय खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर की पीठ ने कहा कि यदि दिल्ली पुलिस का मामला इस बात पर आधारित है कि भाषण कितना आक्रामक था, तो यह अपने आप में एक अपराध नहीं होगा। इतना ही नहीं, पीठ ने कहा कि खालिद का भाषण ‘आपत्तिजनक’ और ‘अरुचिकर’ था और मानहानि के समान हो सकता है लेकिन यह एक आतंकवादी गतिविधि के समान नहीं होगा।’

न्यायालय ने खालिद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पैस की दलील सुनने के बाद यह टिप्पणी की। दिल्ली पुलिस ने खालिद द्वारा 17 फरवरी, 2020 को अमरावती में दिए गए भाषण को दिल्ली हिंसा की साजिश में शामिल होने का आधार बना रही है।

शरजील की याचिका पर पुलिस को नोटिस
देशद्रोह मामले में अदालत ने आरोपी शरजील इमाम की जमानत अर्जी पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। शरजील इमाम की तरफ से 27 मई को देशद्रोह के मामले में अदालत में जमानत के लिए याचिका दायर की गई है। इसी याचिका पर पुलिस को जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस किया गया है।

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