देहरादून के हर गलियारे आज तिरंगा थे, हर कोई हाथ में तिरंगे के लिए भारतीय सेना का सैनिक साहस और पराक्रम की गाथा लिख रहा था।
ऑपरेशन सिन्दूर की कामयाबी पर भारतीय सेना को एक्सप्रेस न्यूज़ भारत पर उनके ही अंदाज़ में नमन !
कलमवीर/पत्रकार अभिजीत शर्मा के द्वार पेश हैं
“साया-ए-तिरंगा, जश्न-ए-वफ़ा”
देहरादून की फ़िज़ा आज कुछ और ही थी,
हर साँस में लहू-ए-वतन की सरग़ोशियाँ थी।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी का जश्न,
तिरंगा लिए, शहर निकला जैसे कोई क़ाफ़िला-ए-इश्क़।
ना कोई सियासी नग़मा, ना कोई साज़िश-ए-बयाँ,
बस मुल्क की मोहब्बत, और वफ़ा का गुमाँ।
शौर्य यात्रा ने बता दिया बेबाकी से,
कि हिंदुस्तान का हर ज़र्रा अभी भी ज़िंदा है एहसास में।
बुज़ुर्गों की आँखों में अतीत की चमक,
नवजवानों की बाज़ुओं में आज़ादी की धमक।
हर गली, हर नुक्कड़, गवाह बनी
कि तिरंगा सिर्फ़ एक परचम नहीं — जज़्बा है, जुनून है, यक़ीन है।
तारों भरी इस रात की सुबह अब बेनूर नहीं,
शौर्य के इस कारवाँ में कोई मजबूर नहीं।
“ऑपरेशन सिंदूर” बना है आज हिम्मत की तर्ज़,
तिरंगे की हर लहर, लिख रही है नई मर्ज़।
— पेश है ये अल्फ़ाज़, उन जाँबाज़ों को सलाम के साथ,
जिन्होंने लहू से सींचा है इस धरती का हर एक पात।
By: Abhijit Sharma
Special Correspondent, Dehradun