TIME मैगजीन ने भी किसान आंदोलन का माना लोहा महिला आंदोलनकारियों को कवर पेज पर….

भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनों में शामिल रहीं प्रमुख महिलाओं को टाइम (TIME) मैगजीन ने अपना कवर पेज डेडिकेट किया है। टाइम मैगजीन ने अपना इंटरनेशल कवर भारत की उन महिलाओं को समर्पित किया है, जो दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलनों प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही हैं और महीनों से डंटकर तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रही हैं।

टाइम मैगजीन के नए इंटरनेशनल कवर पर एक टैगलाइन भी है, जिसमें लिखा है- मुझे डराया-धमकाया नहीं जा सकता और मुझे खरीदा नहीं जा सकता। भारत के किसान आंदोलनों का नेतृत्व करने वालीं महिलाएं।’ मैगजीन के कवर पेज पर किसान आंदोलन में शामिल कुछ महिला किसानों की तस्वीर है, जिनके साथ कुछ छोटे-छोटे बच्चों को भी दिखाया गया है। 

कवर पेज पर दिख रहा है कि कुछ महिलाएं सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन कर रही हैं। इस दौरान एक महिला की गोद में बच्चा भी दिख रहा है और एक- दो अन्य बच्चे भी हैं। तस्वीर में बुजुर्ग महिलाएं भी हैं।

टाइम मैगजीन ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है, ”टाइम का नया इंटरनेशनल कवर।” टाइम मैगजीन ने कवर में जिन महिलाओं को जगह दी है, उसमें 41 वर्षीय अमनदीप कौर, गुरमर कौर, सुरजीत कौर, जसवंत कौर, सरजीत कौर, दिलबीर कौर,बिन्दु अम्मां, उर्मिला देवी, साहुमति पाधा, हीराथ झाड़े, सुदेश गोयत शामिल हैं। इन महिलाओं में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की ज्यादा महिलाएं हैं।

टाइम मैगजीन ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि कैसे महिला किसानों ने आंदोलन को जारी रखने का संखल्प लिया है, जबकि सरकार उन्हें घर जाने के लिए कह चुकी है। इसमें लिखा गया है कि कैसे ये किसान महिलाएं सरकार के कहने के बाद भी पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों का नेतृत्व करने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं। 

बता दें कि भारत में चल रहे किसानों के प्रदर्शन को विदेशों में सूर्खियां तब मिलीं, जब पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग जैसी अंतरराष्ट्रीय आइकन और मशहूर हस्तियों ट्वीट किया। हालांकि, बाद में यह साफ हो गया कि ग्रेटा थनबर्ग भारत के खिलाफ एक प्रोपेगेंडा की साजिश का हिस्सा थीं, जिसकी जांच अभी चल रही है। 

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