
16 दिसंबर 2012 को हुए दिल दहला देने वाले निर्भया गैंगरेप मामले के चार दोषियों को 1 फरवरी को मौत की सजा देने से पहले उनकी अंतिम इच्छा को सूचीबद्ध करने के लिए कहा है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि पिछले सप्ताह तिहाड़ प्रशासन द्वारा चारों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई थी और चार में से किसी ने भी अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। दोषियों को ये भी कहा गया है कि वे किसी का भी नाम लें जिससे वे एक अंतिम बार मिलना चाहते हैं या किसी भी संपत्ति या सामान को किसी को देना चाहते हैं तो बता दें।
गृह मंत्रालय ने एक आवेदन में कहा है कि शीर्ष अदालत को सभी सक्षम अदालतों, राज्य सरकारों और जेल प्राधिकारियों के लिये यह अनिवार्य करना चाहिये कि ऐसे दोषी की दया याचिका अस्वीकृत होने के सात दिन के भीतर सजा पर अमल का वारंट जारी करें और उसके बाद सात दिन के अंदर मौत की सजा दी जाए, चाहे दूसरे सह-मुजरिमों की पुनर्विचार याचिका, सुधारात्मक याचिका या दया याचिका लंबित ही क्यों नहीं हों।