पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई।इस बैठक में कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये के एग्री इन्फ्रा फंड को मंजूरी दी गई। साथ ही गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगाई गई। वही एक बड़ा फैसला कारोबारियों और कर्मचारियों के लिए रहा। उनके फायदे के लिए मोदी कैबिनेट ने 24 फीसदी ईपीएफ मदद जो अगस्त तक दी जा रही थी, उसे बढ़ाकर अब सितंबर तक कर दिया गया है।
इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन सहित कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।
किन फैसलों पर लगी मुहर
कैबिनेट ने ईपीएफ अंशदान 24 फीसदी (12 फीसदी कर्मचारी का और 12 फीसदी संस्थान का) को और तीन महीने जून से अगस्त 2020 तक बढ़ाने को मंजूरी दी। इसमें कुल अनुमानित खर्च 4,860 करोड़ रुपये आएगा और इस कदम से 72 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ होगा।
कैबिनेट ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत उप योजना के रूप में शहरी प्रवासियों/गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास परिसरों के विकास को मंजूरी दी। इस फैसले से करीब तीन लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
पहले तीन महीनों में एक करोड़ 20 लाख टन अनाज बांटा गया था। आने वाले पांच महीनों में दो करोड़ तीन लाख टन अनाज बांटने का लक्ष्य है। अप्रैल में अब तक लगभग 74.3 करोड़, मई में 74.75 करोड़ और जून में लगभग 64.72 करोड़ लाभार्थियों को इसका फायदा मिला है।
उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले तीन सिलेंडरों की अवधि को जून से बढ़ाकर अब सितंबर तक कर दिया गया है। इसमें 13500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार का फैसला लिया है। इसके लिए जुलाई से नवंबर 2020 तक पांच महीनों के लिए अतिरिक्त खाद्यान्न वितरण करने का फैसला किया गया है।