गाजा में खाद्य संकट और मानवीय आपदा की स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अनुसार, गाजा की लगभग 70% कृषि योग्य भूमि नष्ट हो चुकी है, जिससे स्थानीय खाद्य उत्पादन लगभग समाप्त हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, लगभग 1.84 मिलियन लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 133,000 लोग अकाल के कगार पर हैं।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने चेतावनी दी है कि उत्तरी गाजा में अकाल की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि संघर्ष के कारण कृषि प्रणालियाँ ध्वस्त हो गई हैं और मानवीय सहायता में बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं। विशेष रूप से, गाजा की लगभग 95% मवेशी और 70% से अधिक जैतून के पेड़ नष्ट हो गए हैं, जिससे प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता में भारी कमी आई है।
मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने खाद्य सहायता वितरण प्रणालियों की आलोचना की है, क्योंकि ये केंद्रीकृत केंद्रों पर निर्भर हैं, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पहुंचना कठिन बना देते हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई लोग भोजन प्राप्त करने के लिए लंबी दूरी तय करने को मजबूर हैं, जो अक्सर असुरक्षित और अव्यवस्थित परिस्थितियों में होता है।
इस संकट के कारण, गाजा में कुपोषण और संक्रामक रोगों की दर में वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 60,000 से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं, और 1.1 मिलियन से अधिक लोग श्वसन संक्रमण, दस्त, और अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित हैं।